वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा ने गुरुग्राम में भारत की सांस्कृतिक विविधता की अनूठी झलक प्रस्तुत की
गुरुग्राम, 9 जून 2025: भारत की सांस्कृतिक एकता का भावपूर्ण उत्सव मनाते हुए, वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा द्वारा 8 जून की संध्या को गुरुग्राम विश्वविद्यालय में “स्वागत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम” का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाणा के शैक्षणिक भ्रमण पर आए पूर्वोत्तर भारत के छात्रों के सम्मान में आयोजित किया गया था। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करना और इन युवाओं को हरियाणा की परंपराओं, संस्कृति और विकास की झलक प्रदान करना था।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), हरियाणा के माननीय प्रांत संघ चालक श्री प्रताप जी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की ग्रामीण गतिविधियों की सह प्रमुख डॉ. राधिका लड्डा ने भाग लिया और उन्होंने अपने प्रेरक वक्तव्य में ग्रामीण समाज के सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
हरियाणा के विभिन्न जिलों के भ्रमण पर निकले 30 पूर्वोत्तर युवा, वर्तमान में भिवानी स्थित वनवासी कल्याण आश्रम के छात्रावास में निवास कर रहे हैं। ये छात्र स्थानीय परिवारों के साथ रहकर पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दे रहे हैं।
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, गुरुग्राम के कार्यपालक निदेशक अतुल बाली, जो दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज व आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं, ने कार्यक्रम में अपने वक्तव्य में वनवासी कल्याण आश्रम से अपनी वर्षों पुरानी सामाजिक सहभागिता को साझा किया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में उपस्थित थे: हरियाणा डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष राम अवतार; एरिक्सन ग्लोबल के पूर्व निदेशक एवं वैदिक वेज के संस्थापक हरिकांत मिश्रा; परमानेंट लोक अदालत, गुरुग्राम के चेयरमैन विमल सापरा; एसईआईएल एनर्जी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक अनिरुद्ध दिवेकर; एनएचके स्प्रिंग इंडिया लिमिटेड के महाप्रबंधक सुनील खंडेलवाल; और हरियाणा शिक्षण संस्थान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं सीडी इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ स्कूल्स के निदेशक यशपाल यादव।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुख्य विशेषता थी रंगारंग लोक नृत्य प्रस्तुतियां — जैसे भंगड़ा, हरियाणवी लोक नृत्य, योग नृत्य, त्रिपुरा का देववर्मा नृत्य और अरुणाचल प्रदेश का न्यीशी जनजातीय नृत्य। इन प्रस्तुतियों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाया और पूर्वोत्तर के छात्रों को अपनी विरासत प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना में वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा के पालक महेंद्र नरेश ने संगठन की जमीनी कार्यों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि 1952 में स्थापित आश्रम ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आर्थिक सशक्तिकरण और खेल जैसे क्षेत्रों में 22,000 से अधिक सेवा परियोजनाओं के माध्यम से 20 लाख से अधिक वनवासी नागरिकों को लाभान्वित किया है।
विशेष सम्मान हाल ही में 28 अप्रैल को पद्मश्री से सम्मानित वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री चेत्रम पवार को भी प्रदान किया गया, जिन्होंने वन क्षेत्र के संरक्षण और विकास में अद्वितीय योगदान दिया है।
कार्यक्रम का समापन जगदीश ग्रोवर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसके पश्चात सभी उपस्थितजनों ने एक साथ भोजन प्रसाद ग्रहण किया, जिससे समरसता और सांस्कृतिक सौहार्द की भावना और प्रगाढ़ हुई। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए कल्याण आश्रम गुरुग्राम विभाग के संयोजक जगदीश कुक्रेजा एवं गुरुग्राम समिति को बधाई दी।
यह आयोजन वनवासी कल्याण आश्रम के उस सतत प्रयास का एक और मील का पत्थर है, जिसके माध्यम से संगठन पारस्परिक सम्मान और सांस्कृतिक संवाद के जरिए एक सशक्त और एकीकृत राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है।