– संघ पदाधिकारियों ने कर्मचारियों से संबंधित 21 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा, अतिरिक्त निगमायुक्त ने कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने तथा उनका समाधान कराने का दिया आश्वासन

गुरुग्राम, 10 जून। नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के पदाधिकारियों ने मंगलवार को अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका व रविन्द्र यादव से मुलाकात की। इस दौरान संघ प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों से संबंधित 21 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने निगम कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं एवं आवश्यकताओं को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए उनके शीघ्र समाधान की मांग की।
अतिरिक्त निगमायुक्तों ने संघ पदाधिकारियों की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि कर्मचारियों की सभी मांगों पर विचार किया जाएगा तथा यथासंभव समाधान कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों की भलाई सरकार व नगर निगम की प्राथमिकता में है। संघ पदाधिकारियों ने दोनों अतिरिक्त निगमायुक्तों के रुख की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि कर्मचारी हित से जुड़े मुद्दों का शीघ्र समाधान होगा।
कर्मचारी संघ द्वारा सौंपे गए 21 सूत्रीय मांग पत्र में प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- ठेका प्रथा समाप्त कर नियमित नियुक्ति:
सफाई और सीवर कार्यों में ठेका प्रथा समाप्त कर कर्मचारियों को निगम के रोल पर लिया जाए। - हाजिरी पोर्टल बंद हो:
एसडब्ल्यूएम पोर्टल पर हाजिरी लगवाने की प्रणाली बंद की जाए और “नो वर्क-नो पे” नीति को वापस लिया जाए। - एकमुश्त नियमितीकरण नीति:
दैनिक वेतनभोगी, ठेका प्रथा में कार्यरत, एचकेआरएन, पार्ट-1 व पार्ट-2 कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर एकमुश्त पक्का किया जाए। - नई स्थायी भर्तियां:
क्षेत्रफल और आबादी के अनुसार कर्मचारियों के नए पद सृजित कर नियमित भर्तियां की जाएं। - सफाईकर्मी व सीवरमैन की भर्ती:
सफाई कर्मचारियों और सीवरमैन की नियमित भर्ती की जाए। - एक्सग्रेसिया नीति को सरल बनाना:
मृतक कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाली अनुग्रह राशि (Ex-Gratia Policy) को सरल और पारदर्शी बनाया जाए। - 27000 वेतन लागू हो:
मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार कच्चे कर्मचारियों का वेतन ₹27,000 किया जाए। - बर्खास्त और छंटनीग्रस्त कर्मचारियों की बहाली:
बर्खास्त कर्मचारियों को वेतन सहित बहाल किया जाए और छंटनीग्रस्त कर्मचारियों को पुनः सेवा में लिया जाए। - फायर विभाग का विलय:
फायर विभाग को पुनः नगर निकाय विभाग में शामिल किया जाए। - समान कार्य, समान वेतन:
सभी श्रेणियों में कार्यरत कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन मिले। - पुरानी पेंशन बहाली:
पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। - जोखिम भत्ता लागू हो:
सफाई और सीवर कार्य जैसे जोखिमभरे काम करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। - निगम रेट लागू हो:
दैनिक वेतनभोगी और डीसी रेट पर कार्यरत कर्मचारियों को निगम रेट पर भुगतान किया जाए। - एसीपी प्रमोशन की शर्तें हटें:
एसीपी (Assured Career Progression) में प्रमोशन की बाध्यकारी शर्तें हटाई जाएं। - सेवानिवृत्त लाभ सुनिश्चित हों:
अनुबंधित, दैनिक वेतनभोगी, डीसी रेट और एचकेआरएन कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी और ₹10 लाख की एकमुश्त राशि दी जाए। - अवकाश के दौरान कार्य पर अतिरिक्त वेतन:
अवकाश में कार्यरत कर्मचारियों को वर्ष में एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। - अवकाश की संख्या बढ़ाई जाए:
कच्चे कर्मचारियों को अधिक अवकाश देने की व्यवस्था की जाए। - आवासीय सुविधा मिले:
कर्मचारियों के लिए प्लॉट या आवासीय कॉलोनियां विकसित की जाएं। - शिक्षित सफाईकर्मियों के लिए पदोन्नति नीति:
पढ़े-लिखे सफाई कर्मचारियों के लिए One Time Policy बनाकर उन्हें ग्रुप-सी के पदों पर पदोन्नति दी जाए। - ग्रेच्युटी और पेंशन सभी को मिले:
सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को सेवा पश्चात लाभ समान रूप से उपलब्ध हों। - मानव संसाधन की समीक्षा और स्थायी समाधान:
कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु एक स्थायी व समयबद्ध नीति बनाई जाए।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो वे चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
नगर निगम प्रशासन से इन मांगों पर तत्काल गौर कर न्यायपूर्ण समाधान निकालने की अपील की गई है।