चंडीगढ़, 11 जून 2025 – केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को चंडीगढ़ में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में दो प्रमुख गिरफ्तारियां की हैं। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान जननायक जनता पार्टी (JJP) के पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के पूर्व अधिकारी सुनील कुमार बंसल के रूप में हुई है।
क्या है मामला?
ईडी के अनुसार, यह 70 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले से जुड़ा मामला है, जिसकी जड़ें HSVP (पूर्व में HUDA) में फैली भ्रष्टाचार की परतों में हैं। मामला सबसे पहले पंचकूला के सेक्टर-7 थाने में दर्ज एक एफआईआर (FIR) से जुड़ा हुआ है। यह प्राथमिकी वर्ष 2023 में दर्ज की गई थी, जिसे बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने टेकओवर कर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
किन धाराओं में कार्रवाई?
ईडी ने इस मामले को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत जांच में लिया और गहन पड़ताल के बाद सुरजाखेड़ा व बंसल को अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को वैध दिखाने और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया।
क्या है आरोप?
सूत्रों के अनुसार, HSVP के तत्कालीन डीडीओ अधिकारी और कुछ बिल्डरों की मिलीभगत से भूखंड आवंटन, लेन-देन, टेंडर आवंटन में अनियमितता और सरकारी जमीनों की बाजारी कीमत से बहुत नीचे रजिस्ट्री कर करोड़ों की हेराफेरी की गई।
इन आरोपियों पर अचल संपत्तियों और बेनामी लेन-देन के ज़रिए काले धन को सफेद करने का आरोप है।
राजनीतिक संदर्भ
रामनिवास सुरजाखेड़ा वर्ष 2019 से 2024 तक हरियाणा विधानसभा के नरवाना सीट से विधायक रहे। पिछले कुछ समय से उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं भी जोरों पर थीं, लेकिन ईडी की इस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।
ईडी की अगली रणनीति
ईडी ने इस मामले में अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की भी पहचान कर ली है और कई संपत्तियों की कुर्की और बैंक खातों की जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में राजनीति, नौकरशाही और रियल एस्टेट की कई और बड़ी हस्तियों के नाम इस घोटाले से जुड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
इस गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा में HSVP जैसे संस्थानों में लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर अब शिकंजा कस रहा है। पूर्व विधायक और वरिष्ठ अधिकारी की गिरफ्तारी से राजनीतिक भूचाल की स्थिति बन सकती है। ईडी की आगामी कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।