गैस रिसाव के बाद भी नहीं बंद हुई सूरी ऑटो फैक्ट्री, स्थानीयों में आक्रोश

गुरुग्राम, 13 जून। गुरुग्राम के बसई गांव स्थित सूरी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड में 23 मई की रात हुए जहरीली गैस के रिसाव की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया था। रिहायशी इलाके के बीचोबीच चल रही इस फैक्ट्री से फैली जहरीली गैस की दुर्गंध से कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। दर्जनों ग्रामीणों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल सेक्टर-10 में भर्ती कराना पड़ा। इस घटना के बावजूद, आज तक इस फैक्ट्री पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि “क्या सरकार और प्रशासन किसी और बड़े हादसे के इंतजार में हैं? क्या हर बार दुर्घटना के बाद ही व्यवस्था जागेगी?”

MCG ने भेजा नोटिस, फिर भी फैक्ट्री चालू!

स्थानीय लोगों द्वारा दिखाई गई दस्तावेजी जानकारी के अनुसार, नगर निगम गुरुग्राम (MCG) ने फैक्ट्री को लेकर 13 दिसंबर 2024 को नोटिस संख्या MCG/Enf./AE-1/2024/Digl No.00673 86.30 जारी किया था, जिसमें फैक्ट्री संचालन को रोकने और 10 दिन के भीतर सील करने अथवा ध्वस्त करने की चेतावनी दी गई थी।

इसके बावजूद, आज तक फैक्ट्री न सिर्फ चालू है बल्कि इसका विस्तार कार्य भी तेजी से जारी है।

रिहायशी क्षेत्र में फैक्ट्री, प्रशासन क्यों मौन?

गुरिंदरजीत सिंह ने सवाल उठाया कि “DTP आर.एस. बाठ जैसे अधिकारी जिनकी पहचान अवैध मैरिज पैलेस पर सख्त कार्रवाई के लिए होती है, वे इस मामले में क्यों निष्क्रिय हैं? जब नोटिस जारी हो चुका है और शिकायतें बार-बार पहुंच रही हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?”

स्थानीय लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री मालिक को कुछ राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण प्रशासन निष्क्रिय है।

मांग: फैक्ट्री को तुरंत बंद किया जाए, निष्पक्ष जांच हो

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि जब स्थानीय नागरिक, पार्षद, विधायक, मंत्री और अधिकारी—सभी को इस गंभीर मसले की जानकारी है, और सबूत मौजूद हैं, तो अब तक फैक्ट्री बंद क्यों नहीं की गई?

उन्होंने प्रशासन से मांग की है:

  1. फैक्ट्री में चल रहे सभी कार्य तत्काल प्रभाव से बंद किए जाएं।
  2. फैक्ट्री के संचालन और विस्तार की कानूनी स्थिति की निष्पक्ष जांच हो।
  3. स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए फैक्ट्री को पूरी तरह से बंद करने का आदेश जारी किया जाए।

जनता का भरोसा टूट रहा है

इस प्रकरण से स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इतने स्पष्ट प्रमाणों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही, तो जनता का न्याय प्रणाली और प्रशासन पर विश्वास कैसे बना रहेगा?

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