
गुरुग्राम, 16 जून। जब ज्यादातर लोग फादर्स डे पर तोहफ़ों, कार्ड्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के ज़रिए अपने पिता को याद कर रहे थे, तब सेक्टर 10ए स्थित मेघदूत अपार्टमेंट के निवासियों ने इस दिन को एक अनोखे और भावनात्मक अंदाज़ में मनाने की मिसाल पेश की।
यहाँ रहने वाले फादर्स ने फादर्स डे के मौके पर अपने बच्चों के नाम पर फलदार वृक्ष लगाकर न सिर्फ पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में कदम बढ़ाया, बल्कि भावनात्मक रूप से भी एक स्थायी स्मृति चिह्न रच दिया — ऐसा तोहफा जो समय के साथ बड़ा भी होगा, फल भी देगा और भावनाएं भी सँजोएगा।
“जीवित तोहफा” – एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक की कड़ी

इस पहल के मूल में एक सरल लेकिन गहरी सोच थी — “आज पेड़, कल फल, जीवन भर संबंध।” आयोजकों ने बताया कि यह महज एक वृक्षारोपण नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेम, उत्तरदायित्व और पर्यावरण चेतना का जीवंत प्रतीक है। वृक्षों पर बच्चों के नाम की पट्टियाँ भी लगाई गईं, जिससे हर बच्चा अपने नाम के पेड़ को बड़ा होते देखेगा।
निवासियों की प्रतिक्रियाएं
अपार्टमेंट के निवासियों ने बताया, “इस दिन को यादगार बनाने के लिए हम कुछ ऐसा करना चाहते थे, जो भावनात्मक भी हो और समाज के लिए उपयोगी भी। पेड़ लगाकर हम अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और हरा-भरा बनाना चाहते हैं।”
बच्चों के साथ आए माता-पिता के चेहरों पर गर्व और खुशी झलक रही थी, वहीं बच्चे उत्साह के साथ अपने नाम के पेड़ को पानी देते दिखाई दिए।
हरियाली के साथ भावनात्मक जुड़ाव

इस प्रकार की पहलें आज के समय में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं, जब पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है और परिवारों में भावनात्मक जुड़ाव घटता जा रहा है। मेघदूत अपार्टमेंट की यह सोच न सिर्फ प्रेरक है, बल्कि अनुकरणीय भी — जहाँ प्रकृति, परिवार और परंपरा तीनों का संगम देखने को मिला।
निष्कर्षतः, यह फादर्स डे गुरुग्राम में सिर्फ एक दिन की रस्म नहीं रहा, बल्कि हर साल फल देने वाला और हर पीढ़ी को जोड़ने वाला एक भावनात्मक पौधा बन गया। सचमुच, यही होती है सच्ची विरासत — जो जड़ों से जोड़ती है और छांव भी देती है।