पटौदी, चंडीगढ़, 18 जून। बावल महाविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में पुरुष पुलिसकर्मियों की जबरन घुसपैठ और छात्राओं को डराने-धमकाने की घटना पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पर्ल चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि भारतीय संविधान की आत्मा और डॉ. अंबेडकर की नारी-सशक्तिकरण की सोच पर सीधा हमला बताया।

पर्ल चौधरी ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं को सम्मान, शिक्षा और आत्मनिर्भरता का अधिकार दिलाया, लेकिन आज भाजपा सरकार उस संविधान की मूल भावना को रौंद रही है। उन्होंने कहा कि छात्राओं के हॉस्टलों में पुलिस की घुसपैठ और धमकी केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि संविधान से धोखा है।

भाजपा मंत्री की तुलना पर कड़ा ऐतराज़

कांग्रेस नेत्री ने भाजपा मंत्री कृष्ण कुमार बेदी द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की तुलना डॉ. अंबेडकर से करने को शर्मनाक और अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने जीवनभर वंचितों और महिलाओं के हक़ की लड़ाई लड़ी, जबकि मुख्यमंत्री सैनी उस सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसकी पुलिस बेटियों के आत्मसम्मान को कुचल रही है।”

उन्होंने बेदी से संविधान और देश की बेटियों से माफी मांगने की मांग की।

चुनावी वादों पर भी उठाए सवाल

पर्ल चौधरी ने भाजपा के 2024 के संकल्प पत्र का हवाला देते हुए कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में सीसीटीवी लगाने की बात सिर्फ जुमला साबित हुई है। उन्होंने पूछा, “क्या ये सीसीटीवी बेटियों की सुरक्षा के लिए थे या सिर्फ वोट लेने का ढोंग?”

मुख्यमंत्री से न्यायिक जांच और माफी की मांग

कांग्रेस नेत्री ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग की कि वे इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाएं, दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करें और छात्राओं से सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।

“यह केवल बावल की छात्राओं की लड़ाई नहीं है, बल्कि संविधान और नारी गरिमा की रक्षा की लड़ाई है। कांग्रेस इस संघर्ष में बेटियों के साथ है और रहेगी।” – पर्ल चौधरी

यह मामला अब प्रदेश की राजनीति में गरमाया हुआ है, और आने वाले समय में भाजपा सरकार के लिए इसे संभालना आसान नहीं होगा।

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