सभी बीडब्ल्यूजी स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण की अपनी जिम्मेदारियों का करें निर्वहन

गुरुग्राम, 25 जून। नगर निगम गुरुग्राम द्वारा कचरा प्रबंधन को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत बुधवार को बल्क वेस्ट जनरेटर (बीडब्ल्यूजी) के साथ आयोजित दूसरी संवाद बैठक में अतिरिक्त आयुक्त यश जालुका ने स्पष्ट संदेश दिया कि सभी बीडब्ल्यूजी को अपने स्तर पर जिम्मेदारी से कचरा प्रबंधन करना होगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम की मंशा किसी को शर्मिंदा करने की नहीं, बल्कि सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करने की है। इसलिए ‘नेम एंड शेम’ की जगह ‘नेम एंड फेम’ की नीति को अपनाया जाए।

2138 बीडब्ल्यूजी हो चुके हैं पंजीकृत

अतिरिक्त आयुक्त ने जानकारी दी कि अब तक 2138 बीडब्ल्यूजी नगर निगम द्वारा संचालित ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने अपील की कि जो संस्थान अभी तक पंजीकृत नहीं हुए हैं, वे जल्द से जल्द पंजीकरण कराएं और समय-समय पर पोर्टल का अवलोकन करते रहें। पोर्टल के माध्यम से नई तकनीक और कचरा प्रबंधन मॉडल के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही कचरा प्रबंधन की प्रतिदिन की रिपोर्ट भी पोर्टल पर अपलोड जरूर करें।

परिसर के भीतर ही हो कचरे का प्राथमिक प्रबंधन

बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि नियमों के अनुसार किसी भी बीडब्ल्यूजी का कचरा उनके परिसर से बाहर नहीं जाना चाहिए, जब तक कि उसका पृथक्करण और प्रबंधन न हो चुका हो। उन्होंने कहा कि गीला, सूखा, जैविक और अन्य प्रकार के कचरे को अलग-अलग करके ही निपटान की प्रक्रिया अपनाई जाए। केवल इनर्ट (ऐसा कचरा जो रीसाइक्लिंग या पुन: उपयोग योग्य नहीं होता) ही लैंडफिल में भेजा जाना चाहिए।

एजेंसी के माध्यम से कचरा निपटान — पारदर्शिता अनिवार्य

यदि कोई बीडब्ल्यूजी किसी निजी या अनुबंधित एजेंसी को कचरा सौंपता है, तो यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वह एजेंसी कचरे का अंतिम निपटान कहां और कैसे कर रही है। यदि एजेंसी निर्धारित नियमों का पालन नहीं कर रही है, तो नगर निगम को तत्काल सूचित किया जाए।

तकनीकी सहयोग के लिए नगर निगम तत्पर

कचरा प्रबंधन से संबंधित किसी भी तकनीकी जानकारी, समाधान या प्रशिक्षण की आवश्यकता होने पर नगर निगम पूर्ण सहयोग के लिए तत्पर रहेगा। अतिरिक्त निगमायुक्त ने कहा कि गुरुग्राम को स्वच्छ और टिकाऊ शहर बनाने की दिशा में यह एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें हर बीडब्ल्यूजी की भागीदारी अनिवार्य है। नगर निगम अब सख्ती के साथ-साथ सहयोग की भावना से भी काम कर रहा है। बीडब्ल्यूजी को सिर्फ कचरा उत्पादक नहीं, बल्कि कचरा समाधान का भागीदार बनने की आवश्यकता है।

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