– योजनाएं लटकी, विकास कार्य अटके, जेबें खाली कर रही है तीसरी बार बनी भाजपा सरकार

चंडीगढ़/रेवाड़ी, 27 जून 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा सरकार महज नाम बदलकर भ्रष्टाचार, लूट और कुव्यवस्था पर पर्दा डालने का असफल प्रयास कर रही है। उन्होंने हरियाणा मंत्रिमंडल द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हरियाणा करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि “क्या केवल नाम बदलने से भ्रष्टाचार मिट जाएगा?”

नाम बदलने से नहीं बदलेगा शासन का चरित्र

विद्रोही ने कहा कि यदि नाम बदलने से सुशासन आ सकता तो अब तक केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस काल की योजनाओं, संस्थानों और स्थानों के नाम बदलने से जनता का जीवन खुशहाल हो जाना चाहिए था, लेकिन हकीकत यह है कि भ्रष्टाचार और तानाशाही कई गुना बढ़ चुकी है।

उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार खत्म करने की बजाय उसका नाम बदलना भाजपा की नौटंकी है, जो हरियाणा की जनता के साथ क्रूर मज़ाक है।”

किसानों की जमीन को हड़पने की नीयत

वेदप्रकाश विद्रोही ने कैबिनेट द्वारा भूमि खरीद नीति में किए गए बदलाव पर भी गहरी आपत्ति जताई और कहा कि भाजपा सरकार किसानों से जबरन और सस्ते दामों पर ज़मीन हड़पना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, ताकि किसानों को मुआवजा न देना पड़े और उनकी जमीन “विकास” के नाम पर हथियाई जा सके।

रेवाड़ी में विकास योजनाएं 8-10 सालों से अटकी

विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी जिले में ही 200 बेड का अस्पताल, बॉयज कॉलेज, और शहरी वाटर टैंक जैसी आवश्यक परियोजनाएं जमीन न मिलने के कारण 8 से 10 सालों से अधर में लटकी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार की मंशा विकास की नहीं, ज़मीन हड़पने की है।”

चुनाव आयोग में भी संघीकरण, निष्पक्ष चुनाव पर खतरा

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा अब राज्य चुनाव आयोग को भी अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण के भाई आईआरएस रिटायर्ड देवेंद्र कल्याण को राज्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि “इससे साफ है कि अब पंचायत और नगर निकाय चुनाव भी निष्पक्ष नहीं रहेंगे।”

महंगे निर्माण, जनता की जेब पर डाका

सरकार द्वारा रेत, बजरी और पत्थर की रॉयल्टी बढ़ाए जाने को विद्रोही ने जनविरोधी फैसला बताया। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी और निजी भवन निर्माण कार्य महंगे हो जाएंगे, जिससे आमजन पर आर्थिक बोझ और बढ़ेगा।

तीसरी बार सत्ता में आते ही जनता की जेब काटने लगी भाजपा

विद्रोही ने अंत में कहा कि तीसरी बार सरकार बनाकर भाजपा अब बेलगाम हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जनता से किए गए वादे भूला दिए गए हैं, लेकिन बिजली, पेट्रोल, निर्माण सामग्री जैसी आवश्यकताओं पर भारी टैक्स और शुल्क थोपे जा रहे हैं। भाजपा सरकार ने चुनाव जीतने के बाद जनता की जेब पर हमला शुरू कर दिया है।

Share via
Copy link