अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका ने बल्क वेस्ट जनरेटरों के साथ आयोजित बैठक में ठोस कचरा प्रबंधन नियमों का पालन सुनिश्चित करने का किया आह्वान

गुरुग्राम, 27 जून। नगर निगम गुरुग्राम ने ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए शहर के सभी बल्क वेस्ट जनरेटरों (बीडब्ल्यूजी) जैसे आवासीय सोसायटी, होटल, मॉल, कार्यालय परिसर और बड़े संस्थानों, से आह्वान किया कि वे कचरे के उचित प्रबंधन की जिम्मेदारी का निर्वहन करें। नगर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सिर्फ कचरा उत्पन्न करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके निपटान की जिम्मेदारी भी बीडब्ल्यूजी की ही है।

ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 का पालन जरूरी

शुक्रवार को बीडब्लयूजी के साथ आयोजित तीसरी बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि बल्क वेस्ट जनरेटर अपने कचरे को निजी एजेंसियों को सौंप देते हैं, जो केवल मूल्यवान वस्तुएं छांटकर शेष कचरा सडक़ों, नालों, खाली जमीनों या सार्वजनिक स्थलों पर फेंक देती हैं। इससे न केवल शहर की स्वच्छता प्रभावित होती है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनता है। ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत बल्क वेस्ट जनरेटर की यह कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उनके यहां से निकलने वाला कचरा कहां जाता है, किसके माध्यम से उठाया जाता है, और उसका निपटान कैसे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी को ‘कचरा उत्पादक’ से आगे बढक़र ‘कचरा समाधानकर्ता’ की भूमिका निभानी होगी। स्वच्छ गुरुग्राम का सपना तभी साकार होगा जब हम सभी साझेदारी की भावना से काम करेंगे। केवल कचरा देना पर्याप्त नहीं, यह देखना भी जरूरी है कि उसका सही निष्पादन हो रहा है या नहीं। उन्होंने बल्क वेस्ट जनरेटरों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिस एजेंसी को वे कचरे का निष्पादन सौंप रहे हैं, वह नियमों के अनुसार कार्य कर रही है या नहीं। यदि कोई एजेंसी नियमों की अनदेखी करती है, तो उसकी शिकायत तुरंत नगर निगम को की जाए।

ऑनसाइट कचरा प्रबंधन अनिवार्य

अतिरिक्त आयुक्त ने कहा कि अब समय आ गया है कि बल्क वेस्ट जनरेटर अपने परिसरों में ऑनसाइट कचरा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करें। इसके अंतर्गत गीले और सूखे कचरे का पृथक्करण, खाद बनाना, और रिसाइक्लिंग जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हीटिंग मशीन ( कचरे को जलाकर नष्ट करने वाली मशीन) को कचरा प्रबंधन के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है। अब कचरा प्रबंधन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुरुग्राम जैसे तेजी से बढ़ते शहर में ठोस अपशिष्ट की समस्या को नियंत्रित करने के लिए यह एक आवश्यक कदम है। बैठक में यह संदेश भी दिया कि सभी की संयुक्त भागीदारी से स्वच्छ गुरुग्राम बनेगा क्योंकि आम नागरिकों, संस्थानों और बीडब्ल्यूजी की भागीदारी ही स्थायी स्वच्छता की कुंजी है।

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