चंडीगढ़, 28 जून 2025 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। भाजपा द्वारा किसानों को उनकी फसलों की एमएसपी(न्यूनतम समर्थन मूल्य) न दिए जाने पर मुख्यमंत्री नायब सैनी और भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार हर रोज़ MSP ख़त्म करने का नया तरीका ढूँढती है, ताकि किसानों को प्रताड़ित किया जा सके ।

सुरजेवाला ने चार तरीकों के माध्यम से भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत मोदी सरकार द्वारा बनाये खेती विरोधी “तीन काले कानूनों” से हुई थी। फिर किसान आंदोलन और 700 से अधिक किसानों की शहादत के बाद भाजपा को ये कानून वापस लेने पड़े ।

MSP न देने का दूसरा भाजपाई तरीका है कि MSP की घोषणा तो करो पर MSP पर खरीद ही न करो । भाजपा की सरकार देश भर में 22 फसलों पर तथाकथित तौर से MSP देती है। पर सच्चाई यह है कि गेहूं की फसल की MSP पर 50% ख़रीद व धान की 26% MSP पर ख़रीद के अलावा 20 फसलें MSP पर खरीदते ही नहीं- ख़रीद होती है कुल उत्पादन का 2% से 5% तक ।

 MSP न देने का तीसरा तरीका है कि अनाज मंडियों को ही खत्म कर दो, तो आढ़ती खत्म, मंडी मज़दूर खत्म, फिर किसान कहाँ बेचेगा और उसे MSP कैसे मिलेगा? यानी ना रहेगा बांस, न बजेगी बाँसुरी । ये बिहार में भाजपा-नीतीश बाबू लागू कर चुके और इसीलिए बिहार के किसान को किसी फसल पर MSP नहीं मिलता ।

उन्होंने कहा कि अब MSP ख़त्म करने का नया चौथा तरीका है कि MSP की ख़रीद को पराली प्रबंधन से जोड़ दो। अपने आप बहाने से MSP ख़त्म हो जाएगा।

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री नायब सैनी जी और भाजपाईयो से जबाब मांगते हुए कहा कि 

  • 1. कौनसे क़ानून में लिखा है कि पराली प्रबन्धन हो तो ही किसान को MSP मिलेगा, वरना नहीं?
  • 2. किसान की फसल को MSP पर ख़रीदने पर शर्तें कैसे लगाई जा सकती हैं?
  • 3. क्या ये MSP ख़त्म करने का भाजपाई षड्यंत्र है?

उन्होंने कहा कि हमारी माँग है कि ये तुगलकी और किसान विरोधी फ़रमान फौरन वापस लिया जाये ।

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