गुड़गांव, 28 जून (अशोक)। देशभर में प्रस्तावित 9 जुलाई की ऐतिहासिक हड़ताल की तैयारियों के तहत ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी संगठनों की राज्य स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन शुक्रवार को रोहतक में किया गया। इस कन्वेंशन में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और मजदूर-कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट संघर्ष का आह्वान किया।

कन्वेंशन को संबोधित करते हुए एटक (AITUC) के राज्य महासचिव अनिल पंवार ने कहा कि केंद्र सरकार चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड्स) को लागू कर मजदूरों के अधिकारों पर हमला कर रही है। ये श्रम संहिताएं न केवल श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल की सुरक्षा को कमजोर करती हैं, बल्कि यूनियन अधिकारों को भी सीमित करती हैं। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल सिर्फ मजदूर वर्ग ही नहीं, बल्कि आम मेहनतकश जनता की आवाज़ भी बनेगी।

अनिल पंवार ने यह भी जानकारी दी कि 3 जुलाई को गुरुग्राम में औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों और यूनियनों की राज्य स्तरीय कन्वेंशन आयोजित की जाएगी, जो 9 जुलाई की हड़ताल को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।

कन्वेंशन को संबोधित करने वालों में धर्मवीर लोहान, कृष्ण नैन, सुरेखा, जय भगवान, रणबीर शर्मा, जसपाल राणा, अनिल लाठर, विनोद कुमार, हरि प्रकाश, ईश्वर राठी, संदीप सांगवान, सुमेर सिवाच, के.एल. सहगल, मुकेश दूहन सहित कई प्रमुख श्रमिक व कर्मचारी नेता शामिल रहे।

कन्वेंशन में हिसार कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों पर सरकार द्वारा अपनाई गई दमनकारी नीति की कड़ी निंदा की गई और उनके आंदोलन को समर्थन देने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार को छात्रों की जायज मांगों को शीघ्र स्वीकार करना चाहिए।

इस कन्वेंशन ने साफ संदेश दिया कि अगर श्रमिकों के अधिकारों और मेहनतकश वर्ग की बातों को अनसुना किया गया, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।

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