हरियाणा में पत्थर, बजरी, रेत की रॉयल्टी में दोगुनी बढ़ोतरी पर फूटा ग्रामीण भारत संगठन का आक्रोश

चंडीगढ़/ रेवाड़ी, 29 जून। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार एक तरफ अवैध खनन माफिया को सत्ता संरक्षण दे रही है, तो दूसरी ओर आम जनता पर रॉयल्टी बढ़ाकर आर्थिक हमला कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पत्थर की रॉयल्टी ₹45 से बढ़ाकर ₹100 प्रति टन, रेत की रॉयल्टी ₹40 से बढ़ाकर ₹80 प्रति टन कर दी है। इसके अतिरिक्त ई-ट्रांजिट शुल्क ₹100 और हरियाणा से बाहर भेजे जाने पर ₹20 अंतरराज्यीय शुल्क थोपकर जनता की जेब पर डाका डाला गया है। इससे घर निर्माण आम लोगों के लिए और अधिक महंगा हो जाएगा।
अवैध खनन माफिया का राज!
विद्रोही ने कहा कि अरावली की पहाड़ियों में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि “अरावली की पहाड़ियों को सरेआम ब्लास्टिंग से समतल मैदानों में बदला जा रहा है। डंपर भरे पत्थर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को मोटा माल देकर सड़कों पर निर्बाध दौड़ते हैं।”
उन्होंने बताया कि नूंह जिले के राजस्थान सीमा से सटे गाँवों में पहाड़ों को विस्फोटकों से उड़ा कर खनन माफिया मैदान बना रहे हैं, और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
यमुना में भी खनन से खिलवाड़
विद्रोही ने यमुना नदी की दुर्दशा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, “यमुना में रेत और बजरी का अवैध खनन इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है कि नदी का स्वाभाविक बहाव तक प्रभावित हो रहा है। भाजपा-संघ से जुड़े नेता और उनके संरक्षण में पल रहे माफिया इस लूट में शामिल हैं।”
जनता पर दोहरी मार
वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि “एक ओर सरकार अवैध खनन पर आंख मूंदे बैठी है, दूसरी ओर रॉयल्टी बढ़ाकर ईमानदार नागरिकों की जेब काट रही है। सत्ता के संरक्षण में खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं और जनता की मेहनत की कमाई लूटी जा रही है।”
निष्कर्ष में विद्रोही ने कहा:
“भाजपा सरकार अवैध खनन माफिया की तो हमदर्द है, लेकिन आमजन के लिए उसने जीवन दूभर कर दिया है। यह नीति न केवल विकास विरोधी है, बल्कि पर्यावरण, लोकतंत्र और आर्थिक नैतिकता के विरुद्ध है।”