48 लाख गरीब परिवारों पर सीधा वार, क्या यही है ‘सबका साथ-सबका विकास’?: कांग्रेस सांसद का तीखा सवाल
???? सरकार ने राशन डिपुओं पर मिलने वाले 2 लीटर सरसों तेल की उपभोक्ता दर को ₹40 से बढ़ाकर ₹100 कर दिया है, जिससे पूरे प्रदेश में असंतोष की लहर है।

चंडीगढ़, 2 जुलाई 2025। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा सरकारी राशन में सरसों तेल की कीमत ₹40 से बढ़ाकर ₹100 करने के फैसले पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह फैसला गरीबों की रसोई पर सीधा आर्थिक हमला है और सरकार की असंवेदनशीलता का प्रमाण है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि महंगाई के इस दौर में जब गरीब पहले से ही दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में सरसों तेल के दाम ढाई गुना बढ़ाना 48 लाख गरीब परिवारों के साथ दुश्मनी निकालने जैसा है।
“सरकार गरीबों से उनकी रोटी, उनका तेल छीन रही है। क्या यही है भाजपा का सुशासन?” — कुमारी सैलजा
“जनविरोधी फैसला, सीधे गरीबों की थाली पर वार”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर जनता से विश्वासघात कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकार घटिया गुणवत्ता का तेल गरीबों को देती थी, उस पर कार्रवाई करने की बजाय अब उसी तेल को ₹100 में देकर गरीबों को दोहरी मार दी जा रही है।
“बिजली के नाम पर भी जनता से लूट”
कुमारी सैलजा ने कहा कि बिजली दरों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी ने पहले ही आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बिजली कटौती और फर्जी बिलिंग से परेशान लोग दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, और सरकार कोई समाधान देने को तैयार नहीं है।
“जिसके घर में सिर्फ बल्ब जलते हैं, उनके भी हजारों रुपये के बिल थमा दिए जाते हैं।”
“कागजों में गरीब हितैषी, धरातल पर अमीरों की दोस्त”
सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार वास्तव में गरीबों की नहीं, अमीरों की हितैषी है। उन्होंने पूछा कि जब प्रदेश के 48 लाख गरीब परिवार रियायती सरसों तेल पर निर्भर थे, तो आखिर उन्हें महंगे दाम पर तेल देकर किसका भला किया गया?
मांगें और चेतावनी:
कुमारी सैलजा ने सरकार से साफ शब्दों में मांग की:
- सरसों तेल की कीमत तुरंत घटाई जाए
- गरीबों को पहले की तरह ₹40 में तेल उपलब्ध कराया जाए
- राशन डीलरों की मनमानी पर लगाम लगे
- बिजली बिलों की अनियमितता रोकी जाए
“अगर भाजपा सरकार ने गरीबों की अनदेखी बंद नहीं की तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर जन आंदोलन खड़ा करेगी।”
निष्कर्ष:
भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस का हमला तेज़ होता जा रहा है। कुमारी सैलजा ने यह साफ कर दिया है कि यदि गरीब विरोधी फैसले वापस नहीं लिए गए, तो सड़क से संसद तक विरोध होगा।