बीईईओ ऑफिस पहुंचे अभिभावक, शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग

गुरुग्राम, 3 जुलाई। शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत निजी स्कूलों की आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिले को लेकर गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने निजी स्कूलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में लॉटरी के माध्यम से जिन बच्चों का चयन हो चुका है, उन्हें अब निजी स्कूल एडमिशन देने से टालमटोल कर रहे हैं, जिससे सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई खतरे में पड़ गई है।

गुरिंदरजीत सिंह ने सवाल उठाया कि जब स्कूलों ने स्वयं पोर्टल पर सीटें अपडेट की थीं और आवेदन स्वीकार किए थे, तब कोई आपत्ति नहीं की, लेकिन अब जब लॉटरी के परिणाम आ गए हैं और नाम आ चुके हैं, तो निजी स्कूल एडमिशन से इंकार क्यों कर रहे हैं?

अभिभावकों की शिकायत पर पहुंचे बीईईओ कार्यालय

उन्होंने बताया कि कुछ अभिभावक उनके पास पहुंचकर अपनी परेशानी साझा कर चुके हैं। अभिभावकों ने बताया कि कई निजी स्कूल उन्हें यह कहकर लौटा रहे हैं कि उन्हें शिक्षा विभाग से कोई सूची प्राप्त नहीं हुई। इस पर गुरिंदरजीत सिंह स्वयं अभिभावकों के साथ बीईईओ ऑफिस पहुंचे, जहां उन्होंने संबंधित स्कूलों को ईमेल भेजवाया और दिशा-निर्देश जारी करवाए।

शिक्षा विभाग ने स्कूलों को दी स्पष्ट हिदायत

शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि जिन बच्चों का चयन RTE लॉटरी में हुआ है, उन्हें स्कूल एडमिशन देने के लिए बाध्य हैं और किसी भी प्रकार की टालमटोल स्वीकार नहीं की जाएगी। विभाग का कहना है कि सभी सूची नोडल अधिकारियों के जरिए संबंधित स्कूलों को भेज दी गई है।

तीन माह से स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे

गुरिंदरजीत सिंह ने चिंता जताते हुए कहा कि आरटीई दाखिले की प्रक्रिया में ही तीन महीने बीत चुके हैं और शिक्षा सत्र 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है। ऐसे में जिन बच्चों का नाम लॉटरी में आया, वे अब तक स्कूल नहीं जा पाए हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का भारी नुकसान हो रहा है।

स्कूलों का तर्क: सूची नहीं मिली या कम बच्चे आए

कुछ स्कूल प्रबंधक यह तर्क दे रहे हैं कि विभाग से सूची नहीं मिली है या उनके पास सीधी भर्ती में कम बच्चे आए हैं, इसलिए वे पोर्टल के अनुसार सभी सीटें आरटीई के तहत भरने में असमर्थ हैं। इस पर गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि यह स्कूलों की मनमानी है, जिसे शिक्षा विभाग को सख्ती से रोकना चाहिए।

गुरिंदरजीत सिंह की मांग

गुरिंदरजीत सिंह ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, डीईओ, बीईईओ, उपायुक्त गुरुग्राम से मांग की है कि जिन बच्चों का चयन RTE लॉटरी के तहत हो चुका है, उनके जल्द एडमिशन सुनिश्चित करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ नहीं होने देना चाहिए और यदि कोई स्कूल एडमिशन से इंकार करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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