सरकार की वादाखिलाफी से नाराज़ रोडवेज कर्मचारी उतरेंगे हड़ताल पर
चंडीगढ़, 6 जुलाई 2025 – हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर कमर कस ली है। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया, हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन (संबंधित सर्व कर्मचारी संघ) के राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद और महासचिव सुमेर सिवाच ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि यह हड़ताल ऐतिहासिक होगी और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ एक निर्णायक जवाब बनेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के चलते कर्मचारियों में भारी असंतोष है। उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय मंच, कर्मचारी संगठनों और हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर यह हड़ताल आयोजित हो रही है, जिसमें राज्यभर के रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे।
डिपुओं का दौरा कर तैयारियां पूर्ण
नरेंद्र दिनोद ने बताया कि हड़ताल की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और चार टीमों ने विभिन्न डिपुओं का दौरा कर कर्मचारियों से संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की बेरुखी और वादाखिलाफी से कर्मचारियों में बेहद रोष है और वे एकजुट होकर इस हड़ताल को सफल बनाएंगे।
मुख्य मांगें और नाराज़गी के कारण:
सुमेर सिवाच ने बताया कि हड़ताल की मुख्य मांगों में शामिल हैं:
- केंद्र सरकार के चारों लेबर कोड बिलों को रद्द करना।
- ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमले बंद करना।
- राज्य का अलग वेतन आयोग गठित करना।
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
- HKRN के सभी कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करना।
- जोखिम भरे कार्यों में लगे कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देना।
- ऑनलाइन तबादला नीति में संशोधन।
- सभी विभागों में खाली पदों पर भर्ती।
- रोडवेज में 362 रूटों पर दिए गए 3658 प्राइवेट परमिटों की नीति को रद्द करना।
- 10,000 नई बसों की भर्ती।
- चालक-परिचालक व लिपिकों के वेतनमान में सुधार।
- ओवरटाइम व टीए की पुरानी नीति को बहाल करना।
- सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना।
- 10 वर्षों का बकाया बोनस भुगतान।
- बार-बार हुए सरकारी समझौतों को लागू करना।
तीनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह हड़ताल सरकार के खिलाफ कर्मचारियों की आवाज है, जो अब बुलंद होती जा रही है। 9 जुलाई को पूरे प्रदेश में चक्का जाम होगा और सरकार को कर्मचारियों की एकता का अहसास कराया जाएगा।
“यह सिर्फ हड़ताल नहीं, सरकार की जनविरोधी नीतियों को आईना दिखाने की निर्णायक लड़ाई है।” – सरबत सिंह पूनिया