पिछले हफ्ते लोकतंत्र का उत्सव था, इस हफ्ते लोकतंत्र का अपमान है

मानेसर, 8 जुलाई,पिछले सप्ताह मानेसर में एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ। देशभर के 300 से अधिक मेयर, नगर निगम आयुक्त और स्थानीय निकाय प्रमुख यहां इकट्ठा हुए। विषय था – “शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका लोकतंत्र और राष्ट्रनिर्माण में।”

उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया। मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी, विधानसभा अध्यक्ष हरविन्दर कल्याण और तमाम केंद्रीय-राज्य मंत्री मंच पर मौजूद थे। पूरे देश को यह दिखाने की कोशिश की गई कि पटौदी विधानसभा का मानेसर नगर निगम लोकतंत्र का आदर्श बन रहा है।

लेकिन इस सप्ताह उसी मानेसर में निर्वाचित महिला मेयर डॉ. इंदरजीत को पंचायत बुलाकर अपनी पीड़ा साझा करनी पड़ी।
उन्होंने खुले मंच से रोते हुए कहा कि प्रदेश के एक मंत्री उन्हें स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दे रहे।

आज न केवल मानेसर का नगर निगम ठप पड़ा है, बल्कि लोकतंत्र को खुलेआम भाजपा की सत्ता की गुटबाजी में कुचला जा रहा है।

भाजपा का असली चेहरा: महिला सशक्तिकरण मंच पर, अपमान ज़मीन पर

पर्ल चौधरी ने कहा, “जहां एक ओर मंचों पर महिला नेतृत्व की बात हो रही थी, वहीं उसी शहर की महिला मेयर को आज गनमैन तक नहीं दिया गया। क्या यही है भाजपा का महिला सशक्तिकरण?”

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार तुरंत प्रभाव से मानेसर की मेयर डॉ. इंदरजीत को गनमैन और समुचित सुरक्षा मुहैया करवाए, ताकि भाजपा की आंतरिक गुटबाजी से उनकी जान को कोई खतरा न हो।

118 दिन से नगर निगम ठप, अभी 90% पार्षद शहर से गायब

पर्ल चौधरी ने बताया कि डॉ. इंदरजीत को मेयर चुने गए 118 दिन हो चुके हैं, लेकिन मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव तक नहीं हुआ है। “जनता ने पार्षदों को कासन, कुकरोला, मानेसर, शिकोहपुर, हयातपुर इत्यादि गाँवों में काम करने के लिए चुना था, लेकिन 90% पार्षद भाजपा के नेतायों के खेमेबाज़ी के कारण या तो हिमाचल प्रदेश, राजस्थान जैसे दूसरे राज्यों में हैं या कुछ बिना वीजा वाले देशों जैसे नेपाल भ्रमण पर हैं। निगम क्षेत्र के गांवों की सड़कें खुदी हुई हैं, नालियों का पानी ओवरफ्लो हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं क्या मानेसर की जनता ने इन पार्षदों को देश विदेश के पर्यटन के लिए चुना था

उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा के मुख्यमंत्री स्तर के नेताओं के आपसी गुटबाजी और सत्ता के अंदर की खींचतान का परिणाम है, जिसका खामियाज़ा मानेसर की जनता भुगत रही है।

दलित महिला अफसर का भ्रष्टाचार हटाने के लिए ट्रांसफर, सफाई ठेकेदार को खुली छूट

पर्ल चौधरी ने याद दिलाया कि जब मानेसर की आईएएस निगम कमिश्नर रेनू सोगन ने सफाई ठेकेदार पर ₹4.5 करोड़ का जुर्माना लगाया, तो उन्हें मात्र तीन घंटे में रातोंरात ट्रांसफर कर दिया गया। उनके आईएएस पति हितेश मीणा, जो गुड़गांव में एडिशनल डिप्टी कमिश्नर थे, उन्हें भी उसी रात चंडीगढ़ भेज दिया गया।

“जो ईमानदारी से काम करे, उसे दंड मिलता है। जो नियम तोड़े, उसे सरकार का संरक्षण मिलता है। यही है भाजपा की नीति, अन्याय का साथ और न्याय का विरोध।”

कांग्रेस पार्टी की पांच स्पष्ट मांगें हैं।

  1. मानेसर की महिला मेयर को तत्काल गनमैन एवं पूरे परिवार को समुचित सुरक्षा मुहैया करवाई जाए
  2. नगर निगम में रुके हुए चुनाव (डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर) कराए जाएं
  3. देश विदेश के भ्रमण पर गए पार्षदों को पुलिस सुरक्षा में वापिस निगम एरिया में बुलाया जाए और उनकी जवाबदेही तय हो।
  4. भाजपा निगम में कार्य करने वाले भ्रष्ट ठेकेदारों और अधिकारियों को संरक्षण देना बंद करे।
  5. प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी जी सहित भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व, इनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से, मानेसर नगर निगम के जनप्रतिनिधियों को संरक्षण दिलाए

मानेसर सिर्फ एक शहर नहीं, हरियाणा के विकास का इंजन है

कांग्रेस नेत्री ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मानेसर हरियाणा के औद्योगिक विकास का केंद्र है। यहां की रुकावट, पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगी। “आज मानेसर की जनता विकासबंदी की शिकार है और भाजपा की सरकार गुटबाज़ी की शिकार।”

“सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी”

पर्ल चौधरी ने अंत में कहा, “कांग्रेस सड़क से सदन तक पटौदी विधानसभा के मानेसर क्षेत्र की जनता की आवाज़ उठाएगी। हम महिला सम्मान, लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों के अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। सत्ता में मदमस्त भाजपा को यह समझना होगा कि बाबा साहेब अंबेडकर जी के बनाये भारत के संविधान से बड़ा कोई नहीं है न कोई मंत्री, न कोई भाजपा का गुट।”

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