इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह बोले – 1571 करोड़ के बाद भी सड़कों पर गड्ढे, अंधेरे में डूबे मोहल्ले, कचरे में सड़ता शहर

गुरुग्राम, 9 जुलाई 2025। भले ही गुरुग्राम नगर निगम को 9 अप्रैल को ₹1571 करोड़ का भारी-भरकम बजट मिला हो, लेकिन शहर की हालत अब भी बेहाल है। समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने नगर निगम के कामकाज के 100 दिन पूरे होने पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि “यह बजट सिर्फ कागज़ों पर है, ज़मीन पर विकास कार्य नहीं दिखते।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कूड़ा प्रबंधन से लेकर सीवर, सड़क और स्ट्रीट लाइट तक—हर मोर्चे पर नगर निगम विफल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह, सांसद इंद्रजीत सिंह, मंत्री नरबीर सिंह, विधायक मुकेश शर्मा, मेयर राज रानी मल्होत्रा और निगम अधिकारियों से लेकर पार्षदों तक को कटघरे में खड़ा किया।

बजट तो मिला, विकास कहां गया?

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा, “नगर निगम को 1571 करोड़ रुपये का बजट मिला, यानी औसतन 4.15 करोड़ रुपये प्रति दिन, लेकिन 100 दिन बाद भी ज़मीन पर कोई ठोस काम नहीं दिखता। क्या ये धन सिर्फ फाइलों में बह रहा है?” उन्होंने कहा कि अर्जुन नगर, बसई रोड, मदनपुरी, प्रतापनगर, सेक्टर 4 जैसे इलाके बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

गमग गुरुग्राम” योजना ठप, अंधेरे में डूबीं कॉलोनियां

शहर की स्ट्रीट लाइट योजना ‘जगमग गुरुग्राम’ अधर में लटकी है। कॉलोनियों में अंधेरा पसरा है, जिससे सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सफाई व्यवस्था और सीवर की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है।

मेट्रो भी सिर्फ कागज़ों में

उन्होंने कहा कि मेट्रो विस्तार का कार्य 1 मई से शुरू होना था, लेकिन अभी भी सिर्फ दस्तावेज़ तैयार किए जा रहे हैं। “सरकार की मंशा पर अब जनता को संदेह है,” उन्होंने कहा।

प्रोजेक्ट साइट्स पर नहीं लगे सूचना बोर्ड

गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि जितने भी विकास कार्य शुरू हुए हैं, उनकी साइट पर न कोई सूचना बोर्ड है, न ठेकेदार का नाम, न एसडीओ/जेई की जानकारी और न ही कार्य की समयसीमा। इससे जनता को जवाबदेही तय करने का कोई साधन नहीं बचता।

चार प्रमुख मांगें रखीं

  1. हर विकास प्रोजेक्ट पर सूचना बोर्ड अनिवार्य किया जाए – जिसमें लागत, ठेकेदार, सुपरवाइजर और डेडलाइन का ज़िक्र हो।
  2. सड़क, सीवर, सफाई और स्ट्रीट लाइट की सार्वजनिक समीक्षा रिपोर्ट पेश की जाए।
  3. लापरवाह अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई हो – जवाबदेही तय की जाए।
  4. विधायक, सांसद और निगम अधिकारी मीडिया के सामने आकर जनता को जवाब दें।

जन आंदोलन की चेतावनी

गुरिंदरजीत सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि आगामी 15 दिनों में हालात नहीं सुधरे, तो वे जन आंदोलन और RTI अभियान की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा, “गुरुग्राम के नागरिक अब और इंतज़ार नहीं कर सकते। यह शहर देश की आर्थिक धड़कन है, और इसे प्रशासनिक सुस्ती की भेंट नहीं चढ़ने दिया जा सकता।”

Share via
Copy link