भाजपा राज में HPSC के “डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा महाघोटाले” में बीजेपी पार्षद व वीएचपी महामंत्री पर मामला दर्ज !

श्रीमान मनोहर लाल खट्टर – नायब सैनी जवाब दें, हाई कोर्ट की न्यायिक जाँच ही अब एकमात्र विकल्प !

चंडीगढ़: HPSC डेंटल सर्जन भर्ती घोटाला में भाजपा के दो नेताओं पर करनाल में एफआईआर तथा 15 लाख में पास कराने के आरोप पर कांग्रेस महासचिव एवं सांसद, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूर्व की खट्टर सरकार तथा मौजूदा नायब सैनी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

रणदीप ने कहा कि भाजपा के दोनों ही मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में ‘भर्ती परीक्षाओं के भ्रष्टतंत्र की आड़ में फैलाया गया फर्जीवाड़ा’ चरम पर रहा है। दोनों ने ही हरियाणा के लाखों युवाओं और उनके परिवारों को ‘लूट के कुचक्र’ में फंसाकर, ‘नाउम्मीदी के दलदल’ में धकेल दिया है।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि करनाल निवासी सुरेश खुराना ने जिस तरह से आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पास कराने का झांसा देकर, भाजपा पार्षद जयदीप अरोड़ा और विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री पुनीत बतरा ने 25 में से 15 लाख रुपए ले लिए, इसकी ‘गहन न्यायिक जाँच’ होनी चाहिए, ताकि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों के नाम उजागर कर उन्हें खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

अटैची कांड पर न्याय की आस लगाए हरियाणा की जनता पिछले चार साल से भाजपा सरकार के ढुलमुल रवैये तथा 2018 के ‘कैश फ़ॉर जॉब स्कैम’ को दबाये जाने से खफा है। 

रणदीप सुरजेवाला ने इस बड़े घोटाले पर सरकार तथा पुलिस प्रशासन से सवाल पूछा है कि अटैची कांड में इन पैसों के लेनदेन के तार सत्ता में बैठे किस सफेदपोश से जुड़े हैं, यह कैसे हुआ और किसके कार्यालय में हुआ?

नवंबर- 2021 में हुई इस परीक्षा घोटाले में बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई थी और उस वक्त HPSC के उपसचिव अनिल नागर को पुलिस ने 1.08 करोड़ रुपए के साथ पकड़ा था।

इस वक्त की खट्टर सरकार हर नौकरी भर्ती घोटाले को इतनी सफाई से दबाने का काम करती रही कि कमीशन के ‘चेयरमैन’, ‘मेम्बर्स’ और सरकार में बैठे ‘सफेदपोश’ साफ बच निकलते रहे। अदालतें फटकार लगाती रहती हैं लेकिन, भाजपा सरकार की पुलिस जानबूझकर कोर्ट में सबूत ही पेश नहीं करती और आरोपी छूट जाते हैं।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने 2021 में “महाव्यापम घोटाले” या “अटैची दो-नौकरी लो” कांड को उजागर किया लेकिन भाजपा की सरकार पूरा मामला रफा-दफा करती रही। पहले HPSC के चेयरमैन व मैंबर्स, HSSC के चेयरमैन व मैंबर्स, सरकार में बैठे बड़े-बड़े सफेदपोश तथा रिश्वत देकर नौकरी लगने वाले सभी लोगों को जाँच के दायरे से ही बाहर रख “ऑपरेशन अटैची कांड” को कवरअप करते रहे हैं।

इस घोटाले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि पोर्टल-स्कैनिंग-पेपर चेकिंग करने वाली ‘हटाई गई कंपनी’ को HPSC की भर्ती का ठेका क्यों व कैसे दिया? 

रणदीप सुरजेवाला ने पूर्व की खट्टर और मौजूदा नायब सैनी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

अब यह साफ है कि सत्ता में बैठे लोग ही HPSC के ‘अटैची दो – नौकरी लो’ कांड के असली सूत्रधार हैं। ऐसे में पुलिस सरकार में बैठे लोगों की जाँच कैसे करेगी। अब HPSC के अटैची कांड की जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग न्यायाधीश से करवाना अनिवार्य हो गया है। हमारी माँग है कि मुख्यमंत्री, श्री नायब सैनी लीपापोती बंद करें और डेंटल सर्जन भर्ती महा घोटाले की जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाएं।

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