रेवाड़ी/ चंडीगढ़, 12 जुलाई 2025। स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विद्रोही ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में गरीबों को सरकारी राहत के नाम पर गुमराह कर वोट बटोरने के लिए बीपीएल आंकड़ों में भारी हेराफेरी की है, जो लोकतंत्र और संविधान के साथ सीधा खिलवाड़ है।

विद्रोही ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2020-21 में हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या 11.09 लाख थी, जो अगले ही वर्ष मामूली रूप से बढ़कर 11.21 लाख हुई। लेकिन 2022-23 में यह आंकड़ा अचानक 26.46 लाख पर पहुंच गया। इसके बाद 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 44.99 लाख हो गया और 2024 के चुनावों से ठीक पहले यह 52.50 लाख पार कर गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर चार वर्षों में हरियाणा में गरीबों की संख्या 450 प्रतिशत से अधिक कैसे बढ़ गई?

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सुनियोजित तरीके से बीपीएल की सूची में फर्जी वृद्धि की, ताकि गरीबों को मुफ्त अनाज, सरकारी योजनाओं और राहत के नाम पर लुभाकर चुनावों में वोट हड़पे जा सकें। लेकिन अब चुनाव खत्म होते ही अप्रैल, मई और जून 2025 के तीन महीनों में ही 6.36 लाख बीपीएल परिवारों को सूची से बाहर कर अमीर घोषित कर दिया गया। इससे बीपीएल परिवारों की संख्या घटकर अब 46.14 लाख रह गई है।

वेदप्रकाश विद्रोही का कहना है कि यह खेल अब थमने वाला नहीं है। उन्होंने अंदेशा जताया कि अगले दो वर्षों में सरकार बीपीएल परिवारों की संख्या को 25 लाख तक गिरा देगी और फिर चुनाव नजदीक आते ही आंकड़ों में दोबारा हेरफेर कर संख्या बढ़ा दी जाएगी ताकि 2029 के आम चुनाव में भी इसी तरह वोट बटोरे जा सकें।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस ‘वोट हड़प घोटाले’ का स्वत: संज्ञान लेकर न्यायिक निगरानी में जांच की मांग की है ताकि लोकतंत्र और जनादेश का दुरुपयोग रोका जा सके।

Share via
Copy link