समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह का तीखा प्रहार — अब भाषण नहीं, समाधान चाहिए
“हर साल इंद्र की बारिश आती है, लेकिन तैयारी कभी नहीं होती। गुरुग्राम जलमग्न नहीं हुआ है, बल्कि राजनीतिक उपेक्षा में डूबा है।” : इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह
“गुरुग्राम अब भाषण नहीं, समाधान चाहता है। 21 साल की राजनीति का हिसाब दो!” : इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह

गुरुग्राम, 12 जुलाई – एक बार फिर आसमान से बरसी बारिश ने गुरुग्राम की ज़मीन की सच्चाई को उजागर कर दिया है। स्मार्ट सिटी का सपना पानी में बह गया है और उसके साथ बह गए हैं लोगों के धैर्य, आशाएं और जनप्रतिनिधियों पर विश्वास के आख़िरी कण। सड़कों पर भरा पानी, गड्ढों में तब्दील हुई गलियाँ, बंद नालियाँ और बेहाल बुनियादी ढाँचा इस बात की गवाही दे रहे हैं कि गुरुग्राम को सिर्फ वोट बैंक समझा गया, नगर नहीं माना गया।
इसी कड़वी सच्चाई को उजागर करते हुए समाजसेवी और इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:
“इस बार जीत देवराज इंद्र की हुई है, इंद्रजीत की नहीं!”
21 वर्षों से गुरुग्राम के सांसद रहने वाले राव इंद्रजीत पर निशाना साधते हुए गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा—दल बदलने में वे निपुण जरूर रहे हैं, पर गुरुग्राम की तकदीर बदलने में विफल।
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा,
“इन 21 वर्षों में उन्होंने विकास की नहीं, केवल वादों की बारिश करवाई है।”
नगर निगम: ‘गुटबाज़ी’ बनाम ‘गवर्नेंस’

गुरुग्राम हेरीटेज सेक्टर, सेक्टर 4
गुरिंदरजीत सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम, जो नागरिक जीवन की रीढ़ होना चाहिए, वह वर्षों से राजनीतिक गुटबाज़ी और दबाव की राजनीति का अड्डा बन गया है।
“विमल यादव हों, मधु आज़ाद हों या वर्तमान मेयर राजरानी मल्होत्रा — सभी सांसद के गुट से हैं। लेकिन कोई भी गुरुग्राम को बुनियादी सुविधाएँ देने में सफल नहीं हुआ।”
उन्होंने गुरुग्रामवासियों की तरफ से कुछ मूलभूत सवाल उठाए:
- “700 बेड वाला सिविल अस्पताल कहां है?”
- “बस अड्डा कब सुधरेगा?”
- “शीतला माता मंदिर तक पैदल जाना है या नाव से?”
- “हर बार सफाई अभियान पोस्टर तक क्यों सीमित रह जाता है?”
‘ट्रिपल इंजन सरकार’, लेकिन गियर न्यूट्रल में!
भाजपा की केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों में सत्ता होने के बावजूद गुरुग्राम की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा:
“भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार अब केवल नारेबाज़ी और इवेंट प्लानिंग में व्यस्त है। प्रशासनिक जवाबदेही खत्म हो चुकी है। गुरुग्राम की जनता स्मार्ट सिटी नहीं, अब स्मारक सिटी में जी रही है—जहाँ सिर्फ वादों की समाधियाँ दिखती हैं।”

“गुरुग्राम में जीत इंद्र की हुई, इंद्रजीत की नहीं!” ……. बारिश ने फिर दिखा दिया
‘इंद्रजाल’ की राजनीति अब नहीं चलेगी
सिर्फ बयान और शिलान्यास से शहर नहीं चलते, यह गुरुग्राम की जनता अब भली-भांति समझ चुकी है।
गुरिंदरजीत सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“इंद्रजीत जी, अब इंद्रजाल वाली राजनीति नहीं चलेगी। गुरुग्राम जवाब मांग रहा है। हमें आपकी तस्वीर नहीं, व्यवस्था चाहिए। आपके भाषण नहीं, समाधान चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “गुरुग्राम के लोग अब ठगे नहीं जाना चाहते। बारिश, कीचड़ और ट्रैफिक में फंसी इस ज़िंदगी को राहत चाहिए। 21 साल से एक ही चेहरा देखकर अब जनता थक चुकी है।”
जनता का सवाल – अब नेतृत्व बदलने का समय?
गुरुग्रामवासियों के बीच अब यह सवाल गूंजने लगा है:
क्या विकास सिर्फ चुनावी जुमला बन गया है?
क्या जनता को सिर्फ झूठे आश्वासनों और भूमि पूजन के शिलापट्ट ही मिलने हैं?
क्या गुरुग्राम को अब एक नये नेतृत्व की आवश्यकता है जो ज़मीन से जुड़ा हो, जवाबदेह हो, और परिणाम देने वाला हो?
अंत में एक सख़्त लेकिन ज़रूरी संदेश:
“गुरुग्राम को भाषण नहीं, समाधान चाहिए। और समाधान वहाँ से नहीं आएगा जहाँ 21 साल तक सिर्फ वादे उगे हैं।”
– इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह