“अहीरवाल में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, गुड़गांव अस्पताल में आयुष्मान भुगतान अटका : पर्ल चौधरी ने उठाए स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री पर गंभीर सवाल”

गुरुग्राम, 15 जुलाई। हरियाणा की भाजपा सरकार की स्वास्थ्य नीति पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पर्ल चौधरी ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के सेक्टर-10 में स्थित नागरिक अस्पताल में हृदय आरोग्य केंद्र का ठप हो जाना भाजपा सरकार की संवेदनहीनता का शर्मनाक उदाहरण है। पटौदी, मानेसर, सोहना, बादशाहपुर और गुड़गाँव के हजारों गरीब हृदय रोग से ग्रसित मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं, जबकि सरकार इमरजेंसी के सालगिरह जैसे बेफ़िज़ुल के इवेंट और राजनीतिक उत्सवों में व्यस्त है।

कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा, “ सरकार के आश्वासन के बावजूद गुरुग्राम अस्पताल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत 2–3 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। क्या भाजपा सरकार के लिए हृदय रोगी की जान की कीमत महज सरकारी आँकड़ों की एक पंक्ति है?”

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों से अहीरवाल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की किल्लत को लेकर जन आक्रोश चरम पर है। रेवाड़ी जिले के भगवानपुर गांव में हजारों ग्रामीण अस्पताल निर्माण की मांग को लेकर लगातार धरने पर बैठे हैं, लेकिन भाजपा सरकार की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। वो सिर्फ दोषरोपण और आरोप प्रत्यारोप करने में लगी है 

स्वास्थ्य मंत्री के पिता के संसदीय क्षेत्र की हकीकत उजागर

पर्ल चौधरी ने कहा कि यह विडंबना है कि जिस गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के  पिताश्री पिछले 21 वर्षों से सांसद हैं, उसी गुड़गाँव जिले में सरकारी अस्पतालों की हालत बद से बदतर होती जा रही  है।

“यह किसी एक अस्पताल की समस्या नहीं, बल्कि पटौदी, फर्रुखनगर उपमंडलीय अस्पताल सहित पूरे हरियाणा प्रदेश के स्वास्थ्य सँरचना के  बीमार होने का संकेत है,” उन्होंने जोड़ा।

दलित, पिछड़े और गरीब सबसे अधिक प्रभावित

गौरतलब है कि आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने वाले अधिकांश मरीज दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं। ऐसे में इस भुगतान को रोके रखना न सिर्फ प्रशासनिक असफलता बल्कि सामाजिक अन्याय की संज्ञा देना होगा।

“जब दलित, पिछड़े और कमजोर वर्गों के हृदय रोगियों का इलाज सिर्फ इसलिए रुक जाए कि हरियाणा की भाजपा सरकार भुगतान नहीं कर पा रही, तो यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि संविधानिक मूल्यों की भी हत्या है,” पर्ल चौधरी ने स्पष्ट कहा।

भाजपा की प्राथमिकता: प्रचार नहीं, उपचार होनी चाहिए

पर्ल चौधरी ने भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं पर तीखा तंज कसते हुए कहा, “एक तरफ सरकार ‘आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ’ के नाम पर पटौदी और गुरुग्राम में करदाताओं का पैसा बर्बाद कर रही है, दूसरी तरफ दिल के मरीज इलाज के बिना तड़प रहे हैं। यह ‘अमृत काल’ नहीं, ‘मृत काल’ है,  खासकर गुड़गांव जिले के हृदय रोगियों के लिए।”

मुख्यमंत्री को चेतावनी: कल की बैठक में हो कार्रवाई

कांग्रेस नेत्री ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सीधी चेतावनी देते हुए कहा, “कल जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मुख्यमंत्री जी को सबसे पहले गुरुग्राम अस्पताल को 3 करोड़ रुपये की बकाया राशि रिलीज करने का आदेश देना चाहिए। साथ ही हरियाणा के स्वास्थ्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।”

उन्होंने उम्मीद जताई कि 17 जुलाई से गुरुग्राम अस्पताल में हृदय रोगियों का इलाज फिर से शुरू हो जाएगा।

गुरुग्राम अस्पताल में इलाज सुचारू रूप से नहीं होने से एक बार फिर मुख्यमंत्री नायब सैनी जी की भाजपा सरकार की प्राथमिकताएं कटघरे में हैं। कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी की यह स्पष्ट मांग अब सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि हजारों पीड़ितों की आवाज बन चुकी है। यदि सरकार अब भी नहीं जागी, तो यह जन आक्रोश पूरे अहीरवाल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति के लिए जनआंदोलन का रूप भी ले सकता है 

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