गुरुग्राम में कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला 1 नवंबर को, ग्रीन बेल्ट व सोलर योजना पर भी विशेष फोकस

चंडीगढ़, 17 जुलाई — हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री राव नरबीर सिंह ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निगम को अपने मूल उद्देश्यों पर केंद्रित होकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम का प्रमुख उद्देश्य राज्य में आधुनिक औद्योगिक अवसंरचना उपलब्ध कराना है और इसी लक्ष्य की दिशा में समर्पित प्रयास किए जाने चाहिए।
श्री राव नरबीर सिंह ने यह निर्देश हाल ही में निगम अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा भूमि भागीदारी नीति—2022 के तहत किसानों व ग्रामीणों को जागरूक किया जाए कि एचएसआईआईडीसी उनकी दी गई आधी भूमि को विकसित कर भू—मालिकों को हिस्सेदार बनाएगा। इस प्रक्रिया में पेशेवर एजेंसियों की सेवाएं लेते हुए व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि लोगों को निगम की कार्यप्रणाली की स्पष्ट समझ दी जा सके।
उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को बताया कि गुरुग्राम अब वैश्विक कंपनियों की पहली पसंद बन चुका है। इसके चलते सोहना, मानेसर और बावल जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों का तेजी से विस्तार हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास कन्वेंशन सेंटर का विकास किया जाए। इसके लिए नए गुरुग्राम के सेक्टर-65 में स्थित नगर निगम की भूमि को चिह्नित कर वहां आगामी 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के अवसर पर इस कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखने का कार्यक्रम आयोजित किया जाए।
मंत्री ने कहा कि एचएसआईआईडीसी की हर आईएमटी (Industrial Model Township) में उच्च गुणवत्ता और आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्राम गृह का निर्माण सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिससे उद्योग प्रतिनिधियों और आगंतुकों को उचित ठहराव सुविधा मिल सके।
उन्होंने हरित हरियाणा अभियान के तहत निगम की सभी औद्योगिक सम्पदाओं में अधिकतम ग्रीन बेल्ट विकसित करने पर बल दिया। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि इन ग्रीन बेल्ट के साथ बने फुटपाथों पर टाइल्स न लगाई जाएं, जिससे प्राकृतिक जल संचयन में कोई बाधा न आए।
श्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि 135 किलोमीटर लंबा कुंडली—मानेसर—पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे एचएसआईआईडीसी की एक अत्यंत महत्वपूर्ण संपदा है। इसके संपूर्ण रख-रखाव व सौंदर्यकरण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि केएमपी के दोनों ओर बड़े स्तर पर विशेष पौधारोपण अभियान चलाया जाए तथा हर 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर सौर ऊर्जा चालित पंपों की स्थापना की जाए, जिससे बारिश के बाद पौधों की सिंचाई सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि केएमपी एक्सप्रेसवे के मानेसर से पलवल तक के हिस्से की मरम्मत की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए।