कई क्षेत्रों में सीवर ओवरफ्लो की असली वजह आई सामने-सीमेंट बैग, बड़े पत्थर, प्लास्टिक व कचरे से भरी पॉलिथीन बनी बड़ी रुकावट

राजेन्द्रा पार्क, अंजना कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी सहित कई क्षेत्रों में गहन सफाई के दौरान सामने आए मामले, असामाजिक व शरारती तत्वों पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई

गुरुग्राम, 19 जुलाई। राजेंद्रा पार्क, अंजना कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी, सूरत नगर, दौलताबाद इंडस्ट्रियल एरिया और विष्णु गार्डन जैसे कई इलाकों में लंबे समय से नागरिकों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से जूझना पड़ रहा था। अब नगर निगम गुरुग्राम की गहन सफाई के बाद इस समस्या की मुख्य वजह सामने आई है। सीवरेज लाइन में सीमेंट के कट्टे, प्लास्टिक शीट, रजाई-गद्दे, बड़े-बड़े पत्थर और कचरे से भरे पॉलीथीन बैग जैसे भारी और अवांछित वस्तुएं मिली हैं, जिनकी वजह से सीवर ओवरफ्लो हो रहा था।

नगर निगम की टीमों ने इन रुकावटों को हटाते हुए बताया कि इन वस्तुओं की वजह से सीवरेज सिस्टम जाम होता जा रहा था, जिससे निकासी की प्रक्रिया बाधित हो रही थी। इसके चलते नागरिकों को लगातार ओवरफ्लो की समस्या का सामना करना पड़ रहा था और नगर निगम के नियमित प्रयासों के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था।

वार्ड-34 में युद्धस्तर पर सीवरेज सफाई अभियान जारी

वार्ड-34 के अंतर्गत आने वाले राजेन्द्रा पार्क, विष्णु गार्डन, सूरत नगर, दौलताबाद इंडस्ट्रियल एरिया सहित अन्य क्षेत्रों में नगर निगम की टीमें दिन-रात सीवरेज सफाई कार्य में जुटी हुई हैं। वार्ड पार्षद सुरेखा चौहान स्वयं मौके पर मौजूद रहकर कार्य की निगरानी कर रही हैं। इसके अलावा गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा, मेयर राज रानी मल्होत्रा, और नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया भी लगातार मौके का निरीक्षण कर रहे हैं और सीवरेज व्यवस्था को सुचारू कराने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

सीवरेज व ड्रेनेज में कचरा डालना अपराध है- निगमायुक्त प्रदीप दहिया

नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सीवरेज व ड्रेनेज लाइनों में जानबूझकर कचरा या कोई अन्य भारी वस्तु डालना एक दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि हम नागरिकों की सुविधा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन यदि कुछ असामाजिक तत्व व्यवस्था को बिगाड़ते हैं तो उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों की पहचान होने पर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी अपील की कि नागरिक केवल शिकायतकर्ता न बनें, बल्कि सहयोगी बनकर नगर निगम की टीम का साथ दें और ऐसे लोगों की पहचान में प्रशासन की मदद करें जो सीवरेज में अवांछित वस्तुएं डालते हैं। नगर निगम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति हुई तो संबंधित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाएगी, और दोषियों को चिन्हित कर कानूनी दायरे में लाया जाएगा।

नागरिकों का कहना है कि यह समस्या केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक भी है। जब तक हर नागरिक यह जिम्मेदारी नहीं उठाएगा कि वह खुद और दूसरों को जागरूक बनाए, तब तक ऐसे प्रयास अधूरे रहेंगे। नगर निगम ने जो कड़ा कदम उठाया है, वह प्रशंसनीय है, लेकिन इसमें जन सहयोग अत्यंत आवश्यक है। गुरुग्राम को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने की यह मुहिम तभी सफल हो सकती है जब समाज भी इसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले।

Share via
Copy link