चंडीगढ़/रेवाड़ी, 21 जुलाई 2025: स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार पर खरीफ फसल के दौरान किसानों को खाद की पर्याप्त आपूर्ति न कर पाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने रबी फसल की तरह ही खरीफ फसल में भी किसानों के साथ धोखाधड़ी की है, जिससे पूरे राज्य में खासकर अहीरवाल क्षेत्र के किसान त्रस्त हैं।

विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल क्षेत्र, जिसने एकतरफा रूप से भाजपा को समर्थन दिया, आज खाद के लिए मोहताज है। उन्होंने कहा, “लगातार दस वर्षों से इस क्षेत्र को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा को वोट देने का खामियाजा यहां के किसानों को न केवल खाद के संकट के रूप में भुगतना पड़ा है, बल्कि विकास कार्यों में भी भेदभाव और उपेक्षा झेलनी पड़ी है।”

उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि अहीरवाल के सरोकारों की उपेक्षा कर भाजपा ने केवल जुमलेबाजी से जनता को ठगा है। साथ ही उन्होंने राव इन्द्रजीत सिंह और उनकी बेटी आरती राव पर भी अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि “तीसरी बार भाजपा सरकार बनवाने का श्रेय लेने वाली यह पिता-पुत्री की जोड़ी पार्टी के भीतर गुटबाजी को और बढ़ाएगी, जिससे अहीरवाल के विकास कार्य और अवरुद्ध होंगे।”

विद्रोही ने सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए खाद के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने खरीफ फसल के लिए हरियाणा को 13.90 लाख मीट्रिक टन यूरिया का कोटा दिया, लेकिन अभी तक केवल 8.16 लाख मीट्रिक टन ही राज्य को मिला है। इसी तरह डीएपी का कोटा 57,950 मीट्रिक टन था, लेकिन मात्र 26,277 मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई है। इससे स्पष्ट है कि करीब 40 प्रतिशत खाद अभी तक किसानों तक नहीं पहुंची, और प्रदेशभर में खाद की भारी कमी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगहों पर खाद की आपूर्ति पुलिस थानों के जरिए हो रही है, और किसान ब्लैक में महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। यही स्थिति रबी सीजन में भी देखने को मिली थी।

“जब सरकार खाद और डीएपी जैसी जरूरी सामग्री समय पर उपलब्ध न करवा सके और किसान कालाबाजारी के शिकार हों, तो यह साफ है कि यह सरकार किसान विरोधी है,” विद्रोही ने कहा।

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