समाज में न्याय और बराबरी के मूल्यों के लिए उठेगा कदम,
कैप्टन लक्ष्मी सहगल को समर्पित होगा यह जत्था, संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर समेत कई समाज सुधारकों को किया जाएगा याद

गुरुग्राम, 23 जुलाई। जनवादी महिला समिति ने सामाजिक न्याय, समानता और महिलाओं के अधिकारों के लिए एक निर्णायक अभियान छेड़ने का ऐलान किया है। समिति की राज्य अध्यक्ष सविता, महासचिव उषा सरोहा और कोषाध्यक्ष अमिता ने एक प्रेस बयान में बताया कि 25 जुलाई से 7 अगस्त तक हरियाणा भर में ‘सामाजिक न्याय जत्था’ चलाया जाएगा। यह अभियान देश में बढ़ते अंधविश्वास, रूढ़िवाद, पितृसत्ता, नफरत, जातिवाद, सांप्रदायिकता और भेदभाव के खिलाफ जनजागरण करेगा।
इस अवसर पर समिति ने कहा कि यह जत्था न सिर्फ विरोध का प्रतीक होगा, बल्कि यह देश की साझी संस्कृति, साझी विरासत और साझे संघर्षों को भी जनता के सामने लाने का काम करेगा। अभियान का मुख्य आह्वान है कि आम लोग अपने जीवन में व्याप्त अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण रीति-रिवाजों की पहचान कर उन्हें छोड़ने की दिशा में आगे बढ़ें। साथ ही बुनियादी अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष का संकल्प लें।
इस जत्थे को देश की महान स्वतंत्रता सेनानी और महिलाओं की प्रेरणास्रोत कैप्टन लक्ष्मी सहगल को समर्पित किया गया है, जिनकी 23 जुलाई 2012 को 98 वर्ष की आयु में मृत्यु हुई थी। उन्होंने आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ मिलकर भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष किया और स्वतंत्रता के बाद भी महिलाओं व वंचित तबकों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने मरने के बाद अपना शरीर मेडिकल छात्रों को शोध हेतु दान में दे दिया था। वे जनवादी महिला समिति की संस्थापक नेताओं में से एक थीं।
इसके अतिरिक्त, यह अभियान समाज सुधार की मशाल जलाने वाले कई ऐतिहासिक व्यक्तित्वों—डॉ. भीमराव अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख, पंडिता रमाबाई, गुरु नानक देव, कबीर, रैदास, मीरा, बुल्ले शाह, प्रेमचंद, रविन्द्रनाथ टैगोर आदि—के योगदान को भी जन-जन तक पहुंचाएगा।
संगठन की नेताओं ने राज्यभर की जनता से आह्वान किया कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि भारतीय संस्कृति के नाम पर फैलाए जा रहे रूढ़िवादी और जनविरोधी विचारों को रोका जा सके और एक न्यायपूर्ण, समतामूलक समाज की स्थापना की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया जा सके।