भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों और बाहरी राज्यों के लोगों को दी गई तरजीह, हरियाणा के योग्य युवाओं के साथ हुआ अन्याय: इनेलो नेता

चंडीगढ़, 23 जुलाई। हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) विधायक दल के नेता अदित्य देवीलाल ने एडवोकेट जनरल कार्यालय में भाजपा सरकार द्वारा की गई लॉ ऑफिसरों की नियुक्तियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बिना खर्ची-बिना पर्ची और मेरिट पर नौकरी देने के जो दावे करती है, उनकी असलियत एक बार फिर सामने आ गई है।

अदित्य ने कहा कि हाल ही में नियुक्त किए गए 92 लॉ ऑफिसर्स में से एक विकास बराला भी शामिल है, जिस पर लड़की से छेड़छाड़ का केस चल रहा है और वह अंडर ट्रायल है। यह नियुक्ति प्रदेश की न्याय व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर भाजपा की सोच को उजागर करती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि नियुक्त किए गए लॉ ऑफिसरों में से आधे से अधिक अन्य राज्यों से हैं और लगभग 35 लोग भाजपा नेताओं के रिश्तेदार हैं। “हरियाणा के लगभग ढाई हजार युवाओं ने लॉ ऑफिसर के लिए आवेदन किया था। इनमें पीएचडी और एमएससी जैसे उच्च शिक्षित युवा भी शामिल थे, जो योग्य होने के बावजूद चयन से वंचित रह गए,” अदित्य ने कहा।

इनेलो नेता ने सवाल उठाया कि लॉ ऑफिसर की नियुक्ति के लिए क्या मानदंड और योग्यताएं निर्धारित की गई थीं, उन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की उम्मीद से आवेदन किया था, उन्हें भारी निराशा हाथ लगी है।

अदित्य देवीलाल ने मांग की कि सभी 92 लॉ ऑफिसरों की नियुक्ति को रद्द किया जाए और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से दोबारा संचालित किया जाए। “भाजपा सरकार ने योग्य युवाओं के साथ अन्याय किया है। प्रदेश के युवाओं को चपरासी और झाड़ू पोछे की नौकरी में धकेला जा रहा है, जबकि भाजपा अपने रिश्तेदारों को लॉ ऑफिसर बना रही है,” उन्होंने तीखा आरोप लगाया।

इनेलो नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाएगी और न्याय के लिए संघर्ष करेगी।

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