विकास बराला को लॉ ऑफिसर बनाना शर्मनाक: विद्रोही

चंडीगढ़/रेवाड़ी, 24 जुलाई। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों के दौरान हर बालिग महिला को प्रतिमाह ₹2100 देने का जो वादा लक्ष्मी लाडो योजना के तहत किया था, वह अब तक महज एक छलावा साबित हुआ है। चुनाव के नौ महीने बाद भी इस योजना की शुरुआत न होना भाजपा की कथनी और करनी के फर्क को उजागर करता है।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के बजट 2025-26 में इस योजना के लिए ₹5000 करोड़ का प्रावधान किया गया था और मुख्यमंत्री ने स्वयं विधानसभा में नियम बनाकर जल्द महिलाओं को लाभ पहुंचाने की बात कही थी। लेकिन अब, चार माह बीत जाने के बावजूद न तो योजना के नियम सार्वजनिक किए गए हैं और न ही महिलाओं को यह स्पष्ट किया गया है कि किन्हें इसका लाभ मिलेगा।
“यह महिलाओं के साथ धोखा है। भाजपा ने सिर्फ वोट बटोरने के लिए यह वादा किया और अब इससे पीछे हटने की कोशिश कर रही है,” विद्रोही ने कहा।
उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत लक्ष्मी लाडो योजना के नियम सार्वजनिक करे और 1 अप्रैल 2025 से पात्र महिलाओं को योजना की राशि मिलनी शुरू हो। विद्रोही ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो महिलाएं सड़कों पर उतरकर इसका जवाब देंगी।
चरणबद्ध लागू करने की बात भी एक छलावा
विद्रोही ने सरकार द्वारा योजना को चरणबद्ध रूप से लागू करने की बात को भी एक “षड्यंत्र” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह तरीका सरकार द्वारा लाभार्थी महिलाओं की संख्या सीमित करने और चुनावी वादे से पीछे हटने की साजिश है।
“भाजपा अब शर्तें थोपकर और जटिलताएं बढ़ाकर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस योजना से बाहर रह जाएं,” विद्रोही ने आरोप लगाया।
भाजपा की महिला विरोधी सोच का उदाहरण: विधिक अधिकारियों में लैंगिक असंतुलन
वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार की महिला विरोधी सोच को उजागर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमों की पैरवी के लिए जिन विधिक अधिकारियों की सूची जारी की गई है, उनमें महिला वकीलों की संख्या बेहद कम है। यह स्थिति दर्शाती है कि भाजपा सरकार महिलाओं को निर्णयकारी और न्यायिक भूमिकाओं में स्थान देने के पक्ष में नहीं है।
विकास बराला को लॉ ऑफिसर बनाना शर्मनाक: विद्रोही
विद्रोही ने हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला के पुत्र विकास बराला को लॉ ऑफिसर नियुक्त किए जाने पर भी कड़ा ऐतराज़ जताया। उन्होंने याद दिलाया कि विकास बराला पर एक समय महिला छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगा था, और ऐसा व्यक्ति यदि सरकार का प्रतिनिधित्व करेगा, तो महिलाओं को न्याय कैसे मिलेगा?
“जिस पर स्वयं महिला उत्पीड़न का मुकदमा चला हो, उसे अगर सरकार अपना विधिक अधिकारी बना रही है, तो यह साफ दर्शाता है कि भाजपा को महिलाओं की गरिमा और अधिकारों की कोई परवाह नहीं,” विद्रोही ने कहा।
भाजपा की नीयत और नीति पर बड़ा सवाल
वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि भाजपा केवल नारों और घोषणाओं की राजनीति करती है, जबकि धरातल पर महिलाओं को उनके हक और सम्मान से वंचित किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्दी लक्ष्मी लाडो योजना को पारदर्शिता से लागू नहीं किया, तो जनता आगामी चुनावों में भाजपा को उसका सटीक जवाब देगी।