सरकार पर मीडिया इवेंट्स के जरिये झूठी वाहवाही लूटने का आरोप
स्वतंत्र मीडिया कवरेज के बिना कैसे तय होगी परीक्षा की सच्चाई?
पूर्व की CET परीक्षाओं में भी कोर्ट से मिली थी अनियमितता की मुहर

चंडीगढ़/रेवाड़ी, 28 जुलाई 2025 – स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर कड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि वे सत्ता के बल पर मीडिया इवेंट्स आयोजित कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं, जबकि प्रदेश की वास्तविक जनसमस्याओं के समाधान से उनका कोई सरोकार नहीं है।
विद्रोही ने हाल ही में आयोजित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) परीक्षा को लेकर कहा कि सरकार ने दो दिन तक चली इस परीक्षा का मीडिया के जरिये महिमामंडन तो करवा लिया, लेकिन इससे यह प्रमाणित नहीं होता कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा के युवाओं को चपरासी, सिपाही, गार्ड जैसी सीमित नौकरियां देकर जबकि प्रशासनिक पदों पर बाहरी लोगों को ‘नागपुरिया संघी पर्ची-खर्ची’ से बैठाया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब मीडिया कर्मियों को स्वतंत्र रूप से परीक्षा केंद्रों और अन्य स्थलों पर निरीक्षण करने ही नहीं दिया गया, तो फिर परीक्षा की निष्पक्षता का दावा किस आधार पर किया जा सकता है? विद्रोही ने कहा कि प्रदेश भर में डीपीआरओ और सरकारी अमला अपने वाहनों में चुनिंदा मीडियाकर्मियों को लेकर सिर्फ वही दिखाने ले गया, जो सरकार दिखाना चाहती थी।
वेदप्रकाश विद्रोही ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले हुई दो सीईटी परीक्षाओं में अनियमितताओं की पुष्टि स्वयं कोर्ट ने की है। 6 जून 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 2019 से 2025 के बीच हुई ग्रुप-डी की करीब 53 हजार सरकारी भर्तियों के परिणामों को दोबारा संशोधित करने का आदेश दिया था। साथ ही ग्रुप सी और डी की नियुक्तियों का मामला अब भी अदालत में लंबित है।
उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि जिस तरह पूर्व की परीक्षाओं का प्रचार हुआ था और बाद में तथ्य सामने आए, वैसा ही इस बार भी हो सकता है। अब देखना यह है कि 26-27 जुलाई को हुई सीईटी परीक्षा का प्रचार केवल दिखावा साबित होता है या वास्तव में इसके नतीजे पारदर्शिता और निष्पक्षता की कसौटी पर खरे उतरते हैं।