चंडीगढ़, 30 जुलाई । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार खुद की चलाई आयुष्मान योजना, जनता की जान व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। ऐसा लगता है कि यह सरकार आयुष्मान योजना को चालू करके भूल गई है। क्योंकि सरकार की तरफ प्राइवेट अस्पतालों का 400 करोड़ रूपया बकाया है। लंबे समय से सरकार ने इसका भुगतान नहीं किया। इसके चलते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 7 अगस्त के बाद आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से इनकार कर दिया है।
हुड्डा ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब ऐसा हुआ हो। जब से इस योजना को शुरू किया गया है, तभी से हर बार प्राइवेट अस्पतालों की पेमेंट को लटकाया जाता है। इसके चलते अस्पताल आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से इनकार कर देते हैं और मरीजों को इलाज के लिए जहां-तहां भटकना पड़ता है। यह सीधे तौर पर जनता साथ जानलेवा खिलवाड़ है।
पिछले दिनों ही सरकार ने आयुष्मान योजना में कटौती करते हुए कहा है कि प्राइवेट अस्पताल 5 बीमारियों का इलाज नहीं करेंगे। इनमें मोतियाबिंद का ऑपरेशन, बच्चेदानी का ऑपरेशन, पित्त की थैली, उल्टी दस्त और सांस संबंधी बीमारियां शामिल हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार के फैसले पर हैरानी जताई थी। उसने कहा था कि समय पर प्राइवेट अस्पतालों को भुगतान करने की बजाय सरकार ने उन पांच बीमारियों का इलाज करवाना ही बंद कर दिया, जो सबसे अधिक होती हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों में आम लोगों की जान के लिए किसी तरह की संवेदना नहीं है। इसीलिए सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र का पूरी तरह बंटाधार कर दिया। 11 साल में बीजेपी ने एक भी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं किया और ना ही कोई बड़ा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, संस्थान या अस्पताल बनाया गया। स्वास्थ्य तंत्र इस हद तक बर्बाद हो चुका है आज सरकारी अस्पतालों में ना डॉक्टर हैं और ना ही सुविधाएं। यही वजह है कि आयुषमान जैसी योजनाएं चलाकर लोगों को प्राइवेट अस्पतालों के हवाले किया गया। लेकिन अब ये सरकार उस योजना को भी सलीके से नहीं चला पा रही।
हुड्डा ने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में 1 नया स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, 6 नए मेडिकल कॉलेज, (करनाल, मेवात, खानपुर, महेंद्रगढ़, भिवानी, फरीदाबाद), एम्स-2 व नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट बाढ़सा जैसे संस्थान स्थापित हुए। एम्स-2 में 10 राष्ट्रीय सुपर स्पेशियलिटी संस्थान भी मंजूर करवाए गए थे। साथ ही कांग्रेस ने ही 641 नए ग्रामीण अस्पताल, सीपीसी व पीएचसी बनवाए थे। जबकि बीजेपी इन संस्थानों में स्टाफ व सुविधाएं तक देने में नाकाम साबित हुई।