• डीसी अजय कुमार ने कंट्रोल सेंटर से पूरे अभ्यास की निगरानी की, सभी विभागों ने तेजी और समन्वय के साथ निभाई भूमिका

• संचार के लिए केवल सैटेलाइट फोन का उपयोग, नेटवर्क बाधा की स्थिति में प्रतिक्रिया क्षमता का हुआ आकलन

गुरुग्राम, 1 अगस्त- गुरुग्राम जिले में शुक्रवार को “एक्सरसाइज़ सुरक्षा चक्र” के तहत एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें भूकंप और रासायनिक रिसाव जैसी दो अलग-अलग आपदाओं की परिकल्पना कर सजीव अभ्यास किया गया। इस अभ्यास में सभी प्रमुख आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने संयुक्त रूप से भाग लेकर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय क्षमता का प्रदर्शन किया।

ड्रिल का आयोजन सुबह 9 बजे शुरू हुआ, जब सेक्टर-36 के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विकास सदन के एडीसी कार्यालय, सेक्टर-31 के पॉलीक्लिनिक और स्टार मॉल में भूकंप की काल्पनिक स्थिति उत्पन्न की गई। वहीं भोंडसी स्थित इंडियन ऑयल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट में केमिकल लीक की आपात स्थिति को दर्शाया गया।

जैसे ही सायरन बजे, सभी स्थानों पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी और नागरिकों को तय रूटों से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीमों ने ऊपरी मंज़िलों में फंसे लोगों को सीढ़ियों और स्ट्रेचरों की मदद से बाहर निकाला। भोंडसी में केमिकल रिसाव के तहत गैस मास्क पहनकर राहतकर्मी भीतर दाखिल हुए और घायलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

ताऊ देवी लाल स्टेडियम को स्टेजिंग एरिया के रूप में चिन्हित किया गया था, जहां पहले से संसाधनों और वाहनों को तैयार रखा गया। यहीं से सभी राहत दल संबंधित स्थानों पर रवाना हुए। इस दौरान किसी भी प्रकार के मोबाइल या लैंडलाइन संचार का प्रयोग नहीं किया गया — आपसी समन्वय पूरी तरह से सैटेलाइट फोन के माध्यम से किया गया।

डीसी अजय कुमार ने कंट्रोल रूम से पूरे अभ्यास की लाइव मॉनिटरिंग की। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि वास्तविक परिस्थितियों में नेटवर्क बाधा, संसाधन उपलब्धता और विभागीय तालमेल की परीक्षा था। उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी का मूल्यांकन आपदा आने के बाद नहीं, उससे पहले होना चाहिए।

ड्रिल के बाद सभी पांच स्थलों से प्राप्त रिपोर्ट को केंद्रीय आपदा प्रबंधन विभाग को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भेजा गया। पूर्व सैन्य अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। एनडीएमए से जनरल अजय कुमार वर्मा व भारतीय सेना से पर्यवेक्षक गुरुग्राम के डीसी कार्यालय स्थित ईओसी में मौजूद रहे।

इस अभ्यास में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, सिविल डिफेंस, आपदा मित्र, रेडक्रॉस व अन्य एजेंसियों ने मिलकर हिस्सा लिया।

ड्रिल की सफलता में जिला प्रशासन से जुड़े कई अधिकारियों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका, जिनमें एसडीएम गुरुग्राम परमजीत चहल, मानेसर के एसडीएम दर्शन यादव, सोहना के एसडीएम अखिलेश कुमार, जिला राजस्व अधिकारी विजय यादव, डिप्टी कंट्रोलर सृष्टि (सिविल डिफेंस), चीफ वार्डन मोहित शर्मा, जिला आपदा प्रबंधन से प्रोजेक्ट ऑफिसर पूनम एवं अन्य विभागीय अधिकारी शामिल रहे।

Share via
Copy link