गुरुग्राम, 02 अगस्त 2025। गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही एक महिला ने अपने 40 वर्षीय साथी की चाकू मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।

पुलिस को यह सूचना नारायण अस्पताल से प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति को गंभीर हालत में लाया गया है। जब डीएलएफ फेज-3 थाने की पुलिस टीम अस्पताल पहुंची, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान हरीश (उम्र 40 वर्ष), निवासी गांव बलियावास फेज-I, गुरुग्राम के रूप में हुई।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और वहां से वारदात में प्रयुक्त चाकू तथा खून से सनी टी-शर्ट बरामद की। साथ ही, एफएसएल, फिंगरप्रिंट और सीन ऑफ क्राइम की टीमों को भी बुलाकर तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए।

मृतक के भतीजे द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, हरीश और वह एक ही कंपनी में कार्यरत थे। 1 अगस्त की शाम को एक व्यक्ति विजय उर्फ सेठी, हरीश को घर से ले गया था और फिर रात को हरीश ने फोन कर ₹1650 खाने के लिए भेजने को कहा। अगले दिन सुबह यशमीत कौर नामक महिला का फोन आया कि हरीश की मौत हो चुकी है। भतीजे को शक है कि विजय और यशमीत कौर ने मिलकर हरीश की हत्या की है।

पुलिस ने जांच के बाद यशमीत कौर (उम्र 27 वर्ष), निवासी अशोक विहार, दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में महिला ने स्वीकार किया कि वह पिछले 1.5 वर्षों से हरीश के साथ लिव-इन में रह रही थी। हरीश पहले से शादीशुदा था और उसकी पत्नी बीमार रहती थी, जिससे उसका यशमीत से संबंध बन गया था।

हत्या के पीछे वजह यह बताई गई है कि हरीश अक्सर अपने परिवार के पास चला जाता था, जिससे यशमीत नाराज रहती थी। घटना वाले दिन भी इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ, और गुस्से में आकर महिला ने चाकू से उसकी छाती में वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

आरोपी महिला को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और विजय उर्फ सेठी की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

पृष्ठभूमि में महिला अपराध में बढ़ोतरी: एक चिंता का विषय

बीते कुछ वर्षों में देशभर में महिला अपराधियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जहाँ पहले महिलाओं को आमतौर पर पीड़िता के रूप में देखा जाता था, वहीं अब कई मामलों में महिलाएं खुद संगीन अपराधों—जैसे हत्या, अपहरण, धोखाधड़ी व नशीली पदार्थ तस्करी—में लिप्त पाई जा रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक जटिलताओं का परिणाम है। पारिवारिक विघटन, आर्थिक आत्मनिर्भरता के बावजूद भावनात्मक असुरक्षा, और संबंधों में अस्थिरता कई बार महिलाओं को अपराध की ओर धकेल देती है।

गुरुग्राम में लिव-इन पार्टनर की हत्या का यह मामला भी ऐसी ही अस्थिर मानसिक स्थिति और आक्रोश का नतीजा प्रतीत होता है। यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या समाज, शिक्षा और परामर्श तंत्र महिलाओं को भावनात्मक नियंत्रण सिखाने में विफल हो रहे हैं?

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