गुरुग्राम में सीवर समस्या से त्रस्त सूरत नगर फेस-1 के निवासी, घरों में कैद होने को मजबूर

गुरुग्राम, 3 अगस्त। करुणा जन कल्याण सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हरियाणा सरकार के सामाजिक सुरक्षा आयोग के सदस्य योगेश शर्मा ने कहा कि सूरत नगर फेस-1 की स्थिति दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है। कॉलोनी की गलियाँ सीवर के गंदे पानी से लबालब भरी पड़ी हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। स्थानीय लोग दो महीने से नारकीय हालात झेल रहे हैं—गली से पैदल निकलना भी मुश्किल हो चुका है।

प्रेस को जारी बयान में योगेश शर्मा ने कहा कि जिस तरह से गुरुग्राम का नाम और स्वरूप बदला—गुड़गांव से गुरुग्राम, गुरुग्राम से मिलेनियम सिटी—उसी रफ्तार से अब यह शहर कीचड़ और गंदगी की पहचान बनता जा रहा है। सूरत नगर फेस-1 की हालत नगर निगम की नाकामी को उजागर कर रही है।
योगेश शर्मा ने बताया कि कुछ गलियों में तो बीते दो-तीन वर्षों से सीवर का गंदा पानी लगातार सड़कों पर बह रहा है। निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की बेरुख़ी को देखते हुए उन्होंने शनिवार को जिला उपायुक्त महोदय से मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराया। इस पर उपायुक्त ने तुरंत एसडीएम गुरुग्राम को निर्देश दिए, जिन्होंने सोमवार को नगर निगम अधिकारियों के साथ सूरत नगर फेस-1 (वार्ड 34) का दौरा करने और जल्द समाधान सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।


शर्मा ने कहा कि नगर निगम द्वारा सीवर की सफाई न समय पर करवाई जाती है और न ही गुणवत्ता के साथ। कुछ गलियों में महज़ खानापूर्ति की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री के गुरुग्राम दौरे के दौरान कॉलोनीवासी उनसे मिलकर अपनी पीड़ा सीधे तौर पर साझा करेंगे।
उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार को सफाई की जिम्मेदारी दी गई है, वह शायद ही कभी कॉलोनी में आता हो। अब तो ऐसा लग रहा है कि निगम अधिकारी और ठेकेदार जन प्रतिनिधियों की भी अनदेखी कर रहे हैं। हाल ही में गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा ने मेयर और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजेंद्र पार्क का निरीक्षण किया था, लेकिन वहां की हालत भी जस की तस बनी हुई है।
योगेश शर्मा ने कहा कि वार्ड 34 की पार्षद भी लगातार प्रयासरत हैं, फिर भी सूरत नगर और राजेंद्र पार्क की समस्याएं अभी तक हल नहीं हो पाईं। उन्होंने यह भी कहा कि मेयर का चुनाव हो चुका है, लेकिन वरिष्ठ मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अभी तक नहीं होने के कारण नगर निगम का संचालन बाधित हो रहा है, जिससे नई निविदाएं नहीं निकल पा रही हैं और जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
अंत में योगेश शर्मा ने हरियाणा सरकार से मांग की कि नगर निगम के उच्च पदों के चुनाव शीघ्र कराए जाएं और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि गुरुग्राम की छवि पर जो धब्बा लग रहा है, उसे रोका जा सके।