केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत गुट को तगड़ा झटका, मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव और उनके समर्थक रहे दूर


गुरुग्राम/मानेसर, 5 अगस्त 2025 | हरियाणा की राजनीति में दो दिग्गजों — कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बीच लंबे समय से चल रही गुटबाज़ी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई। मानेसर नगर निगम में सोमवार को हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में राव नरवीर खेमा बाजी मार गया, जबकि राव इंद्रजीत गुट पूरी तरह नदारद रहा।
निर्विरोध हुआ चुनाव, विपक्षी खेमा नदारद
इस चुनाव में राव नरवीर खेमे ने ऐसी रणनीति अपनाई कि विपक्षी खेमा नामांकन तक नहीं भर सका। परिणामस्वरूप वार्ड 12 से पार्षद प्रवीण यादव को सीनियर डिप्टी मेयर और वार्ड 2 से पार्षद रीमा चौहान को डिप्टी मेयर निर्विरोध चुन लिया गया।
नगर निगम की बैठक में 12 पार्षद उपस्थित रहे, जो सभी राव नरवीर खेमे के माने जाते हैं। वहीं, मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव सहित उनके 8 समर्थक पार्षद पूरी प्रक्रिया से दूर रहे। बैठक की अध्यक्षता निगम आयुक्त ने की।
चुनाव से पहले चला भ्रमण कार्ड

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो दोनों गुटों के पार्षद पिछले कई दिनों से राजस्थान, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में भ्रमण पर थे। यह भ्रमण असल में एक रणनीतिक चाल थी, जिससे विरोधी खेमा मतभ्रम में रहे। जैसे ही चुनाव की तारीख तय हुई, राव नरवीर खेमा हरकत में आया और अपने सभी पार्षदों को एकजुट कर वापसी करवाई।
इसी बीच राव इंद्रजीत गुट असमंजस में रह गया और नामांकन भरने से भी चूक गया।
मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर पहले से ही दो फाड़
मानेसर नगर निगम गठन के समय से ही यह निगम दो गुटों में बंटा हुआ है:
- राव नरवीर सिंह गुट
- राव इंद्रजीत सिंह गुट
पिछले वर्ष मेयर पद के लिए हुए चुनाव में डॉ. इंद्रजीत यादव को राव इंद्रजीत के समर्थन से जीत मिली थी, जबकि डिप्टी मेयर और अन्य पदों पर राव नरवीर गुट का प्रभाव बना रहा।

इस बार की नियुक्तियों ने यह साफ कर दिया है कि नगर निगम में अब राव नरवीर की पकड़ पूरी तरह मजबूत हो चुकी है।
यह परिणाम क्यों है महत्वपूर्ण?
- राजनीतिक संदेश:
यह चुनाव आने वाले 2026 के निकाय चुनावों और विधानसभा समीकरणों में राव नरवीर को एक बड़ा मनोवैज्ञानिक बढ़त देता है। - संगठन पर पकड़:
राव नरवीर ने दिखा दिया कि उनकी पार्षदों पर पकड़ और रणनीति ज़मीनी स्तर पर कहीं अधिक प्रभावशाली है। - राव इंद्रजीत को बड़ा झटका:
डॉ. इंद्रजीत यादव की गैरहाजिरी यह संकेत देती है कि मेयर होते हुए भी वे अपने ही बोर्ड पर नियंत्रण खो चुके हैं।
पार्षदों की राजनीतिक पृष्ठभूमि:
- प्रवीण यादव (वार्ड 12):
युवा और ऊर्जावान छवि, राव नरवीर खेमे के भरोसेमंद रणनीतिकार। बीते समय में निगम की कई समितियों में सक्रिय भूमिका। - रीमा चौहान (वार्ड 2):
सामाजिक कार्यों और महिला सशक्तिकरण में सक्रिय। डिप्टी मेयर के रूप में पहली बार जिम्मेदारी संभालेंगी।
विश्लेषण:
नगर निगम के चुनावों में यह नतीजा सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि गुरुग्राम-रेवाड़ी-मानेसर बेल्ट में ओबीसी राजनीति, यादव नेतृत्व और बीजेपी की अंदरूनी खेमेबाज़ी का बड़ा संकेत है।
राव इंद्रजीत सिंह पिछले कुछ समय से भाजपा नेतृत्व से भी नाराज चल रहे हैं। यदि हालात ऐसे ही रहे तो आगामी चुनावों में उनका स्वतंत्र रुख अपनाना भी कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
निष्कर्ष:
मानेसर नगर निगम का यह चुनाव एक स्थानीय घटना जरूर है, लेकिन इसके दूरगामी राजनीतिक संकेत हैं। राव नरवीर सिंह ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि वे न केवल जमीन से जुड़े नेता हैं, बल्कि राजनीति की बिसात पर चाल चलने में भी माहिर हैं।