अहीरवाल की सियासत में राव परिवार हाशिये पर! मनोहर-नायब-नरबीर की तिकड़ी ने रच डाली सत्ता की नई पटकथा – विद्रोही का बड़ा हमला

गुरुग्राम, 6 अगस्त 2025 – हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर साफ हो गया है कि अहीरवाल की कमान अब सिर्फ ‘राव’ उपनाम से नहीं, सत्ता के शतरंज पर बिछाए गए ‘मोहरों’ से तय होगी। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने गुरुग्राम में प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस त्रिमूर्ति ने अहीरवाल की राजनीति में राव इन्द्रजीत सिंह और उनकी बेटी आरती राव को पूरी तरह ‘किनारे लगाने’ की ठान ली है।
विद्रोही के अनुसार, मानेसर नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में राव इन्द्रजीत सिंह की एक न चली। खट्टर-सैनी ने राव नरबीर के ज़रिए अपने चहेते उम्मीदवारों को पदों पर बैठाकर यह जता दिया कि अब अहीरवाल में राजनीतिक एजेंडा चंडीगढ़ से सेट होगा, गुरुग्राम से नहीं।
यही नहीं, विद्रोही ने याद दिलाया कि मानेसर मेयर चुनाव में जब राव इन्द्रजीत ने भाजपा के आधिकारिक प्रत्याशी को हरवाकर अपनी समर्थक महिला को जितवाया था, तब भी मनोहरलाल खट्टर ने खुले मंच से यह ऐलान कर दिया था कि “भाजपा के लिए वही मेयर है जो भाजपा से हारा है।” यह बयान राव खेमे की सियासी जमीन खिसकने का सार्वजनिक ऐलान था।
कोरियावास मेडिकल कॉलेज: एक नाम, दो मंशाएं
विद्रोही ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि यदि राव इन्द्रजीत वास्तव में अहीरवाल में मजबूत होते, तो कोरियावास मेडिकल कॉलेज का नाम उनके पूर्वज राव तुलाराम के नाम पर रखने में सरकार को कोई आपत्ति न होती। लेकिन सरकार की ज़िद है कि कॉलेज का नाम पौराणिक ऋषि च्यवन के नाम पर ही रहेगा – यह सत्ता का प्रतीकात्मक तमाचा है राव परिवार के चेहरे पर।
नसीबपुर स्मारक और रेवाड़ी अस्पताल: प्रतीकात्मक राजनीति का खेल
नसीबपुर में राव तुलाराम व 1857 के शहीदों का स्मारक आज तक अधूरा है। आरती राव और उनके समर्थक विधायक बार-बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन मनोहरलाल सरकार का रवैया एकदम साफ है – ‘राजनीति स्मारकों से नहीं, संदेशों से होती है।’ इसी तरह रेवाड़ी में 200 बेड का सरकारी अस्पताल कहाँ बनेगा, यह मुख्यमंत्री जानबूझकर लटका रहे हैं ताकि आरती राव की सियासी धार कुंद होती रहे।
साफ संदेश: ‘राव जी, अब आपकी नहीं चलेगी’
वेदप्रकाश विद्रोही के शब्दों में – “पूरे अहीरवाल में यह संदेश साफ भेजा जा रहा है कि चाहे राव इन्द्रजीत अपने को बेताज बादशाह मानते हों, अब इस इलाके की असली चाबी मनोहरलाल और नायब सिंह सैनी के हाथ में है। राव परिवार की तमाम कोशिशों के बावजूद, भाजपा संगठन और सरकार ने यह तय कर लिया है कि पार्टी में ‘शक्ति संतुलन’ की रेखा अब रेवाड़ी के किसी फार्म हाउस से नहीं, चंडीगढ़ के कॉरिडोर से खींची जाएगी।”