पचगांव में दो दर्जन से अधिक गांवों की महापंचायत, 20 किमी दायरे के वाहनों को टोल फ्री करने की भी मांग

“समस्या का समाधान करो, वरना टोल की दुकान बंद” – महापंचायत का ऐलान

20 किमी दायरे के वाहनों को टोल फ्री करने की मांग

अंडरपास बिना 20 किमी लंबा चक्कर लगाने को मजबूर होंगे ग्रामीण

दो दर्जन गांवों के लोग एकजुट, आगे की रणनीति पर मंथन

“हम बंगला-कोठी नहीं, सुरक्षित जीवन की सुविधा मांग रहे हैं” – ग्रामीण

फतेह सिंह उजाला

पचगांव/पटौदी। दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर खेड़कीदौला टोल के पचगांव शिफ्ट होने से पहले ही ग्रामीणों ने दो टूक कह दिया— “पहले समस्या का समाधान, नहीं तो बंद करो दुकान।” रविवार को पचगांव में हुई महापंचायत में 20 से अधिक गांवों के प्रबुद्ध लोग जुटे और साफ चेतावनी दी कि अंडरपास व फ्लाईओवर का निर्माण किए बिना टोल प्लाजा शुरू नहीं होने देंगे।

महापंचायत की अध्यक्षता सूबेदार होशियार सिंह ने की। वक्ताओं ने तर्क दिया कि जिस जगह टोल प्लाजा बन रहा है, वहां के दोनों ओर दर्जनों गांव बसे हैं, ग्रामीणों की खेती-बाड़ी, रोजगार व संस्थान भी हैं। यदि अंडरपास नहीं बना तो लोगों को अपने ही घर पहुंचने के लिए 20 किमी लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा।

ग्रामीणों ने याद दिलाया कि पहले इस स्थान पर फ्लाईओवर बनाने की योजना थी, लेकिन एनएचएआई ने इसे रोककर सीधे टोल निर्माण शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार, प्रशासन और मंत्रियों से अपील की कि टोल से पहले अंडरपास व फ्लाईओवर बनाना ही होगा।

टोल फ्री की भी मांग
ग्रामीणों ने पचगांव टोल के 20 किमी दायरे में आने वाले वाहनों को टोल फ्री करने की भी मांग रखी। महापंचायत ने साफ किया—“हम बंगले-कोठी नहीं, बल्कि सुरक्षित आवागमन की मूलभूत सुविधा मांग रहे हैं।”

कुकडौला, फाजिलवास, ग्वालियर, चांदला डूंगरवास, फकरपुर, मोकलवास, खरखड़ी, ततारपुर, जमालपुर, घोषगढ़, कासन, बिनौला, बोहड़ाकलां, बाघनकी, खेड़की, कलवाड़ी, हसनपुर, मोहम्मदपुर, पथरेड़ी, सहरावण समेत दो दर्जन गांवों के लोग इस महापंचायत में मौजूद रहे।

एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल से बातचीत हुई है और अंडरपास की संभावनाएं तलाशने की बात कही गई है। वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि आगे की रणनीति जल्द तय की जाएगी और जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन होगा।

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