हरियाणा में आधारभूत संरचना को मिलेगा बढ़ावा,  एचपीडब्ल्यूपीसी बैठक में 523 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

फरीदाबाद में 58 करोड़ रुपये से बनेगा 45 एमएलडी एसटीपी व टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांटजल आपूर्ति परियोजना के लिए भी 25 करोड़ रुपये स्वीकृत

गुरुग्राम के सेक्टर 76-80 में 104.95 करोड़ रुपये से बनेगी मास्टर स्ट्रॉम वाटर ड्रेन

केएमपी एक्सप्रेसवे के मानेसर-पलवल खंड की मरम्मत पर 48 करोड़ रुपये होंगे खर्च

मुख्यमंत्री ने गुणवत्तापूर्ण ढंग से परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के दिए निर्देश

चंडीगढ़, 12 अगस्त — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को देर सांय हाई पॉवर्ड वर्क्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आधारभूत संरचना और जनसुविधाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। इन परियोजनाओं पर कुल 523 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिससे जल आपूर्ति, स्वच्छता, औद्योगिक ढांचा, यातायात सुविधा और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

बैठक में परिवहन मंत्री श्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) मंत्री श्री रणबीर गंगवा और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोसिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 13 करोड़ रुपये की बचत की गई है।

बैठक में बादशाहपुर, फरीदाबाद में 45 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एवं टर्शरी ट्रीटमेंट यूनिट के निर्माण को स्वीकृति दी गई, जिसकी अनुमानित लागत 58 करोड़ रुपये है। यह परियोजना शहरी क्षेत्र में स्वच्छता एवं जल पुनर्चक्रण के प्रयासों को मजबूती देगी।

जल आपूर्ति प्रणाली को सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से मास्टर रेनीवेल लाइन के संचालन और रखरखाव के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट को स्वीकृति दी गई। इस परियोजना में 22 रेनीवेल, 160 ट्यूबवेल, पंपिंग मशीनरी, विद्युत उपकरणों एवं अन्य आवश्यक संरचना के रखरखाव और मरम्मत कार्य शामिल हैं, जिनपर लगभग 25 करोड़ रुपये लागत आएगी।

बैठक में गुरुग्राम के नए सेक्टर 76-80 में मास्टर स्ट्रॉम वाटर ड्रेन के निर्माण के लिए 104.95 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए, जिससे वर्षा जल निकासी की समस्या का स्थायी समाधान होगा। इसके अलावा, सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे के मानेसर-पलवल खंड (लगभग 60 किलोमीटर) की मरम्मत पर 48 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।

औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एचएसआईआईडीसी इंडस्ट्रियल एस्टेट, बरवाला, पंचकूला में 3 एमएलडी क्षमता का सीईटीपी स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 17.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वहीं, इसी प्रकार, आईएमटी, फरीदाबाद में 10.5 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी की स्थापना के लिए 44 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।

बैठक में भंडारण ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए, एफएसडी परिसर, मेहुवाला, जिला फतेहाबाद में 37,884 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों एवं संबद्ध कार्यों की स्थापना हेतु 15.85 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। साथ ही, पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कुटेल, करनाल में प्राइवेट वार्ड के निर्माण और अन्य कार्यों के लिए भी 30.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार होगा, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और जनसुविधाओं में भी वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल,  प्रिंसिपल एडवाइजर अर्बन डेवलपमेंट श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, आपूर्ति एवं निपटन विभाग के महानिदेशक श्री पंकज के अलावा संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव उपस्थित रहे।

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