“आम्रपाली” स्मारिका का किया विमोचन

चंडीगढ़ , 12 अगस्त — हरियाणा के सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि “आम्रपाली” अभियान समाज को पर्यावरण एवं परम्परा से जोड़ता है जिससे हमारे संस्कारों की नींव मजबूत होती है।

डॉ. अग्रवाल आज यहां “आम्रपाली” स्मारिका के विमोचन समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इससे पूर्व,  सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल तथा अतिरिक्त निदेशक श्रीमती वर्षा खांगवाल ने “आम्रपाली” स्मारिका का विमोचन किया। स्मारिका का प्रकाशन महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज, भिवानी रोहिल्ला, हिसार द्वारा किया गया है।

डॉ. अमित अग्रवाल ने कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शमीम शर्मा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “उन्होंने जो “आम्रपाली” यानि  “आम उगाओ, आमदनी बढ़ाओ, पर्यावरण बचाओ” अभियान शुरू किया है वह जहां हमारे पर्यावरण को संतुलित करने में मददगार साबित होगा वहीं किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने में भी सहायक होगा।

उन्होंने ग्रामीण आंचल में महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज शुरू करने के कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे गांव की लड़कियों को उनके घर के पास शिक्षा लेने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी लड़कियों की शिक्षा के प्रति गंभीर है और प्रत्येक 20 किलोमीटर की दूरी पर कन्या महाविद्यालय खोल रही है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, चाहे खेल हो या पढाई या फिर अन्य क्षेत्र में, आज वे हर जगह अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़ रही हैं।

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक श्रीमती वर्षा खांगवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए “आम्रपाली” अभियान को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि यह हमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाता है। उन्होंने कहा कि विरासत सिर्फ जमीन की नहीं होती, बल्कि हरियाली की भी होती है। हमें पूर्वजों से जो हरा -भरा पर्यावरण मिला है वह अगली पीढ़ी को ससम्मान सुपुर्द करने का हमारा फर्ज बनता है। उन्होंने “आम्रपाली” अभियान के लिए डॉ. शमीम शर्मा को बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी।

महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज, भिवानी रोहिल्ला, हिसार की प्राचार्या डॉ. शमीम शर्मा ने “आम्रपाली” अभियान के विचार रूपी बीज से लेकर इसके वृक्ष बनने तक के सफ़र पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कॉलेज के कुछ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करके उन्होंने आम के पौधे लगाने का अभियान शुरू किया है। यह पौधा पेड़ बनकर लगभग पांच साल में फल देने लगता है। घर -आंगन में उगाकर इससे अपने फल खाने की तृप्ति पूरी की जा सकती है। अगर किसान इनको अपने खेतों या बाग़ -बगीचे में उगाता है तो अच्छी-खासी आमदनी भी कमा सकता है। उन्होंने बताया कि इन्हीं खुबियों की बदौलत ही “आम्रपाली” अभियान को “आम उगाओ, आमदनी बढ़ाओ, पर्यावरण बचाओ” का नारा दिया गया है।

“आम्रपाली” स्मारिका के विमोचन के अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की सयुंक्त निदेशक श्रीमती उर्वशी रंगारा, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के सयुंक्त निदेशक श्री राज सिंह कादयान, महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज की निदेशक डॉ. नीलम प्रभा, इतिहास के सेवानिवृत प्रोफ़ेसर श्री एम एम जुनेजा, डॉ. आशा के अलावा कई अधिकारी एवं साहित्यकार उपस्थित थे।

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