मनीषा के हत्यारों को जल्द पकड़े पुलिस, मिलनी चाहिए कड़ी से कड़ी सजा- हुड्डा

चंडीगढ़, 16 अगस्त । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि मनीषा हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को दहला कर रख दिया है। तमाम दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार के लिए न्याय मांग रहे हैं। हमारी मांग है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी अपराधी ऐसी वारदात को अंजाम देने के बारे में सोच ना पाए।

हुड्डा बहादुरगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बहादुरगढ़ समेत पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है। यहां व्यापारियों को रोज धमकियां मिल रही हैं। व्यापारी, कारोबारी, कर्मचारी, राजनीतिज्ञ, आमजन और यहां तक कि पुलिस भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही। ऐसा लगता है कि प्रदेश में सरकार नाम की चीज ही नहीं है और अपराधियों ने पूरी व्यवस्था को अपने कब्जे में ले लिया है।

मनीषा हत्याकांड के बाद हर परिवार अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। क्योंकि इस अपराध में सिर्फ दोषियों की दरिंदगी ही नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की विफलता भी साफ देखने को मिली है। पुलिस को शिकायत मिलने के बावजूद उसने लापरवाही बरती और मनीषा को ढूंढने की कोशिश नहीं की। समय रहते अगर पुलिस जाग जाती तो बेटी की जान बचाई जा सकती थी।

लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि पुलिस प्रशासन को भी पता है कि आज प्रदेश की सत्ता में जो लोग बैठे हुए हैं, उन्हें जनता की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। सत्ताधारी लोगों को सिर्फ खुद की सुरक्षा, सत्तासुख और इवेंटबाजी से वास्ता है। उन्हें प्रदेश में मालियामेट हो चुकी कानून व्यवस्था का हाल नजर ही नहीं आता।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते कांग्रेस ने बार-बार बीजेपी सरकार को आगाह किया है। सड़क से लेकर विधानसभा तक प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया है। यहां तक कि खुद केंद्र सरकार ने भी प्रदेश की भाजपा सरकार को चेतावनी दी है। बाकायदा सामाजिक प्रगति सूचकांक जारी करके केंद्र ने कहा है कि हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य है।

प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। रोज हरियाणा में 4 से 5 लोगों की हत्याएं, 5 से 6 महिलाओं से रेप और दर्जनभर अपहरण की वारदातें होती हैं। एनसीआरबी के आंकड़े हर बार इसका खुलासा करते हैं, लेकिन सरकार इन्हें नजरअंदाज कर, सत्ता के नशे में मदमस्त सोती रहती है। सरकार का यही रवैया आम लोगों की जान-माल के लिए खतरा साबित हो रहा है।

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