चंडीगढ़, 17 अगस्त। हरियाणा के भिवानी जिले की शिक्षिका मनीषा की निर्मम तरीके से की गई हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह केवल एक जघन्य अपराध नहीं, बल्कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की बदहाली का जीवंत उदाहरण है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने आज जारी एक बयान में कही। सांसद ने कहा कि परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि जब वे गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुँचे तो भाजपा सरकार की पुलिस ने यह कहकर मामले को टाल दिया कि लड़की भाग गई होगी, अपने आप आ जाएगी। अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो शायद आज मनीषा हमारे बीच होती। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि कुछ पुलिसकर्मियों का निलंबन और एसपी का तबादला केवल लीपापोती है। असली अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जो प्रदेश की जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। भाजपा सरकार की संवेदनहीनता और निकम्मापन हरियाणा की बेटियों को असुरक्षित कर रहा है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की बेटियाँ न्याय और सुरक्षा की हकदार हैं। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी हो तथा उन्हें कठोरतम सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी अपराधी ऐसी घिनौनी वारदात करने का साहस न कर सके। आज पूरा प्रदेश यह सवाल पूछ रहा है क्या हरियाणा की बेटियां सुरक्षित हैं? भाजपा सरकार को इस सवाल का जवाब देना ही होगा।

अधिवक्ता पर एफआईआर मामले में सैैलजा ने सीएम को पत्र लिखा

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा में अधिवक्ता अमित सिहाग प्रकरण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। कुमारी सैलजा ने कहा कि अधिवक्ता के परिसर में 29 जुलाई को अवैध प्रवेश कर उत्पीडन की घटना घटी, जिसकी शिकायत स्वयं पीड़ित अधिवक्ता ने पुलिस को दी। बावजूद इसके, पुलिस प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई करने की बजाय शिकायतकर्ता अधिवक्ता के विरुद्ध ही मामला दर्ज कर दिया, जो निंदनीय है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया प्रशासन इस मामले को सुलझा सकता था। प्रशासन और पुलिस की उदासीनता के कारण यह मामला गंभीर रूप ले चुका है। इसी अन्यायपूर्ण रवैये के खिलाफ सिरसा के अधिवक्ता 12 अगस्त से हड़ताल पर हैं, जिससे न्यायिक कार्य बाधित हो रहा है और प्रतिदिन हजारों नागरिक प्रभावित हो रहे हैं। कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर मांग की है कि वे स्वयं इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें और पीड़ित अधिवक्ता को तत्काल राहत दिलाएं, ताकि भविष्य में अधिवक्ता समुदाय के साथ ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।

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