भाजपा का प्रचार बनाम जनता की परेशानी

गुरुग्राम। भाजपा संगठन इन दिनों अपनी सरकारी उपलब्धियों को घर-घर पहुँचाने की रणनीति में जुटा है। “सेवा पखवाड़ा” और “पंच परिवर्तन” जैसे नए नाम देकर पार्टी जनता के बीच अपनी छवि चमकाने की कोशिश कर रही है। लेकिन असली सवाल यह है कि—क्या सिर्फ नाम बदल देने से जनता का भरोसा जीता जा सकता है?

गुटबाज़ी ने खोली संगठन की पोल

गुरुग्राम की स्थिति बताती है कि संगठन पहले खुद एकजुट हो ले, फिर जनता तक “सेवा” पहुँचाने की बात करे। यहाँ भाजपा दो खेमों में बंटी है—एक ओर केंद्रीय मंत्री और सांसद राव इंद्रजीत सिंह का गुट, दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह का। हाल ही में वरिष्ठ डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव इसी गुटबाज़ी की भेंट चढ़ गया। जाहिर है, “सेवा पखवाड़ा” से पहले संगठन को “सुलह पखवाड़ा” की जरूरत है।

जिलाध्यक्ष पर सवाल, कार्यकर्ता नाखुश

स्थानीय कार्यकर्ता खुलकर नहीं बोलते, लेकिन नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि तीसरी बार सत्ता में आने के बाद भाजपा संगठन जमीन से कट चुका है। जिलाध्यक्ष पर कार्यकर्ताओं से दूरी और घमंड में रहने के आरोप हैं। सामान्य कार्यकर्ता तो अब फोन पर भी उनसे बात नहीं कर सकता। ऐसे में सवाल है—कार्यकर्ताओं को उत्साहित कौन करेगा और जनता तक जाएगा कौन?

जनता के जख्मों पर मरहम कहाँ?

गुरुग्राम की जनता इस समय गंदगी, जलभराव, गुंडागर्दी, फिरौती और खुलेआम गोलीबारी जैसी समस्याओं से त्रस्त है। जब हालात इतने बदहाल हैं तो भाजपा किस उपलब्धि का झंडा घर-घर लेकर जाएगी? जनता को चाहिए राहत और सुरक्षा, न कि जुमलेबाज़ी और नारेबाज़ी।

मुख्यमंत्री या मोहरा?

जहाँ तक मुख्यमंत्री नायब सैनी का सवाल है, कार्यकर्ताओं के बीच यह धारणा मजबूत है कि वे केवल एक “मोहरा” हैं और असली ताकत अभी भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास है। खट्टर के करीबी अफसर राजेश खुल्लर का पांच दिन का गुरुग्राम दौरा और समस्याओं का निपटारा इस धारणा को और पुख्ता करता है। उधर सैनी पर हवा में उड़ने, हेलीकॉप्टर से चलने और जनता को केवल हंसी-ठिठोली में उलझाए रखने के आरोप लगातार लग रहे हैं।

बड़ा सवाल

ऐसे हालात में बड़ा सवाल यही है—क्या भाजपा के “सेवा पखवाड़ा” और “पंच परिवर्तन” जैसे अभियान सच में जनता का भरोसा जीत पाएंगे? या फिर यह केवल विज्ञापन और जुमलों की राजनीति साबित होंगे?भाजपा ने “सेवा पखवाड़ा” और “पंच परिवर्तन” का नया नारा दिया

  • गुरुग्राम में संगठन खुद दो गुटों में बंटा: राव इंद्रजीत बनाम राव नरबीर
  • डिप्टी मेयर चुनाव गुटबाज़ी की भेंट चढ़ा
  • जिलाध्यक्ष पर कार्यकर्ताओं से दूरी और घमंड के आरोप
  • जनता गंदगी, जलभराव, गुंडागर्दी और गोलीबारी से परेशान
  • मुख्यमंत्री नायब सैनी को कार्यकर्ता मानते हैं सिर्फ “मोहरा”
  • असली शक्ति अब भी खट्टर और उनके करीबी अफसरों के पास

सवाल: क्या भाजपा के अभियान जनता का भरोसा जीत पाएंगे या रह जाएंगे केवल जुमले? जबकि अब मुख्य विपक्ष यानि कांग्रेस का भी जिलाध्यक्ष नियुक्त होने के बाद काफ़ी लम्बे अरसे के बाद कांग्रेस का संगठन भी मजबूत होना शुरू हो गया है, जिसके चलते शहर मे फैली कूड़े व जलभराव की समस्या के विरोध मे कॉंग्रेस भी धरने प्रदर्शन करके सरकार के घेराव करने की योजना बना रही है I ऐसे मे क्या जनता का सहयोग बीजेपी को मिलेगा या बीजेपी मात्र रणनीति बना कर जनता को भर्मित करने के बजाये अपनी कार्यशैली मे सुधार करेंगी I

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