आरोप – स्वतंत्रता दिवस पर न दिया गया निमंत्रण, न किया गया सम्मान
फतह सिंह उजाला, पटौदी। आज़ादी के 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी परिजनों और उत्तराधिकारियों की अनदेखी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उपेक्षा से आहत स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने डीसी गुरुग्राम को पत्र लिखकर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है।
डीसी को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर स्वतंत्रता सेनानी परिवारों और उत्तराधिकारियों को न तो बुलाया गया और न ही सम्मानित किया गया। पत्र में ज़िम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।
बैठक में उठा विरोध का स्वर
इस संदर्भ में स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की एक बैठक बृजमोहन गोयल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें राजेंद्र प्रसाद, मनमोहन, दिनेश जैन, सतीश चौहान, रमेश चौहान, धर्मवीर/राजबाला, सतपाल चौहान, कृष्ण गोलू मित्तल आदि मौजूद रहे।
स्व. मनोहर लाल गोयल के पुत्र बृजमोहन गोयल ने कहा कि पटौदी क्षेत्र में जब से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस मनाए जा रहे हैं, तब से हर बार सेनानी परिवारों को सम्मानपूर्वक बुलाया जाता रहा है। लेकिन 2025 पहला अवसर रहा, जब किसी भी परिवार को आमंत्रण नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि न तो स्थानीय प्रशासन ने किसी प्रकार की जानकारी दी और न ही आधिकारिक निमंत्रण पत्र भेजा। शिकायत में कहा गया कि भाजपा सरकार के शासनकाल में इस तरह की उपेक्षा पहली बार देखने को मिली है। मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तक भी भेजा गया है।
“स्वतंत्रता सेनानी ही समारोह की आत्मा”
बैठक में मौजूद उत्तराधिकारियों ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह का असली केंद्र स्वतंत्रता सेनानी और उनके परिवार होते हैं। उन्हीं के बलिदान से देश को आज़ादी मिली, और इन्हीं को याद कर यह पर्व मनाया जाता है। इसलिए परिवारों की अनदेखी न केवल असंवेदनशीलता है बल्कि राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को भी ठेस पहुँचाने वाली है।
सरकारी आदेश भी मौजूद
स्वतंत्रता सेनानी परिवारों का कहना है कि 15 मार्च 2018 को हरियाणा सरकार के पत्र क्रमांक 15/142/89-4 पीपी के अंतर्गत सभी कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और एसडीएम को निर्देश भेजे गए थे कि प्रथम पीढ़ी के उत्तराधिकारियों को राष्ट्रीय पर्व पर सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया जाए। ऐसे स्पष्ट आदेश होने के बावजूद पटौदी में उनकी उपेक्षा करना समझ से परे है।
प्रशासन का पक्ष
इस मुद्दे पर पटौदी एसडीएम दिनेश लुहाच ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में मंच पर और घर जाकर दोनों तरीकों से स्वतंत्रता सेनानी और शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया। उनके अनुसार प्रशासन के पास 19 परिवारों की सूची उपलब्ध है, और उसी सूची के आधार पर आमंत्रण व सम्मान की प्रक्रिया की गई।
उन्होंने कहा कि समारोह में मंच पर 10 परिवारों को सम्मानित किया गया, एक परिवार को जिला मुख्यालय बुलाया गया और शेष परिवारों को घर जाकर सम्मान दिया गया। यदि कहीं कोई चूक हुई है, तो उसकी जानकारी लेकर भविष्य में सुधार किया जाएगा और सभी का सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा।