चंडीगढ़, 20 अगस्त। एलसीएलओ- सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू ) के शिष्टमंडल ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की। शिष्टमंडल में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, एलसीएलओ – सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा, संबंधित सीटू मौजूद थे।
शिष्टमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और बताया कि सरकार ने सिटीजन रिसोर्स इन्फोर्मेशन डिपार्टमेंट(CRID)और परिवार पहचान पत्र अथोरिटी के अंतर्गत करीब सात हजार क्रीड पंचायत लोकल आपरेटर(सीपीएलओ) का चयन किया था। इन कर्मचारियों की नियुक्ति हरियाणा की 7000 ग्राम पंचायतों ग्राम सचिवालयों में होनी थी, जहां बैठकर ये फैमिली ID से जुड़े कार्य, जैसे आय प्रमाण पत्र,राशन कार्ड,निवास प्रमाण पत्र,पेंशन वेरिफिकेशन इत्यादि का कार्य करते। लेकिन चयन के बाद इसमें से करीब साढ़े तीन हजार को सीपीएलओ (क्रिड़ पंचायत लोकल ऑपरेटर) का ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट पत्र दिया और आधे को पदनाम बदलकर एलसीएलओ (लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर)का ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट दिया। जबकि विज्ञापन सीपीएलओ (क्रिड़ पंचायत लोकल ऑपरेटर) का था।
इस तरह, चार हजार एलसीएलओ में से मार्च 2024 में करीब 2700 की लोकल पंचायतों में ज्वाइनिंग हो गई और 1300 की ज्वाइनिंग ही नही हुई। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद पद ग्रहण करने वाले 2700 को भी काम नहीं दिया गया और 1300 की तो ज्वाइनिंग ही नही हुई। इसलिए पिछले करीब एक साल से सीपीएलओ पद के लिए चयनित, जिनका पदनाम बदलकर एलसीएलओ बनाया, को ना त कोई मानदेय/वेतन मिल रहा है और न ही कोई काम दिया जा रहा है। जबकि सीपीएलओ को केवल 6000 वेतनमान दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम है।
शिष्टमंडल ने बताया कि हम मुख्यमंत्री से लेकर सभी अन्य अधिकारियों एवं मंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि इस भर्ती के लिए एक हजार रूपए फार्म फीस थी और करीब दस लाख युवाओं ने आवेदन किया था। इससे सरकार के पास करीब 100 रुपए प्रति फॉर्म फीस एकत्रित हुई। पहले प्री एग्जाम हुआ और उसको क्लीयर करने के उपरांत ही नकारात्मक अंकों के साथ मेन एग्जाम हुआ। जिसके बाद करीब सात हजार सीपीएलओ का चयन किया गया। लेकिन विभाग ने आधे को सीपीएलओ(क्रिड पंचायत लोकल ऑपरेटर या ASKO) का और आधे को एलसीएलओ(लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर) की ऑफर ऑफ अप्वाइंटमेंट पत्र दिया।
शिष्टमंडल की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पूरी तरह गलत और बेरोजगारों के साथ धोखा है। क्योंकि विज्ञापन में वेतन का उल्लेख नहीं किया गया और चयन के बाद पदनाम बदलना पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए यह रोजगार देने का ड्रामा किया गया और अब कौशल कर्मियों की तरह उन्हें रोजगार से वंचित कर दिया। उन्होंने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि 22 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को असरदार तरीके से उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी।