भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली ने बिल की कॉपी को केंद्रीय मंत्री अमित शाह और आसन की तरफ फाड़ कर फेंकने की घटना को काला अध्याय बताया
बड़ौली का राहुल गांधी पर निशाना – राहुल गाँधी बताएं कि क्या वे भ्रष्टाचारियों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं?
केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2025; 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 देशहित में : बड़ौली

चंडीगढ़, 20 अगस्त। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2025, 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 को देश हित में बताया। हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस द्वारा बिल की कॉपी फाड़ने और केंद्रीय मंत्री अमित शाह व कागज को आसन की तरफ फेंकने की घटना की निंदा करते हुए इसे काला अध्याय बताया और कहा कि यह कांग्रेस द्वारा भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को बचाने का एक निन्दनीय प्रयास है इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश इन तीनों विधेयकों का सीधा-सीधा मकसद है कि अब सरकार जेलों से नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह विधेयक स्पष्ट करता है कि अब सत्ता का रास्ता सेवा से होकर जाएगा, अपराध से नहीं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पेश किए तीनों विधेयक को देशहित में बताते हुए पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि विधेयक के अनुसार कोई मंत्री लगातार तीस दिनों तक हिरासत में रहता है, जिसकी सजा पांच साल या उससे अधिक हो सकती है, तो राष्ट्रपति उन्हें प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन हटा सकते हैं। अगर प्रधानमंत्री सलाह नहीं देते, तो 31वें दिन के बाद वह व्यक्ति खुद-ब-खुद मंत्री पद से हटा हुआ माना जाएगा। अगर इन 30 दिनों के अंदर सजा का प्रावधान हट जाता है, या सजा 5 साल से कम हो जाती है या फिर सजा पर कोर्ट का स्टे आ जाता है तो फिर से उन्हें पद पर लाया जा सकता है।
श्री बड़ौली ने कहा कि विधेयक के अनुसार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जो भी आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किए जाते हैं तो उन्हें तुरंत पद छोड़ना होगा। मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक कदम शासन को अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्त करने में मील का पत्थर साबित होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ये तीनों बिल अलग-अलग इसलिए लाए गए हैं, क्योंकि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित राज्यों के लीडर्स के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं। पहला बिलः 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 है, जो केंद्र और राज्य सरकारों पर लागू होगा। दूसरा बिल गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 है, जो केंद्र शासित राज्यों के लिए है तथा तीसरा बिल जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 है, जिसे जम्मू-कश्मीर पर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह कदम न केवल शासन की मर्यादा को सुरक्षित करेगा, बल्कि जनता को यह संदेश देगा कि “अब सरकार जेल से नहीं चलेगी।“
मोहन लाल बड़ौली ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह विधेयक लेकर आये थे, तब राहुल गाँधी ने विधेयक की प्रति फाड़ी थी। आज राहुल गाँधी की पार्टी के नेता भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए संसद के अंदर संशोधन विधेयक को फाड़ रहे हैं। राहुल गाँधी ने तब दिखावा किया था या आज वे भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े होने की सच्चाई दिखा रहे हैं? राहुल गांधी से सवाल करते हुए श्री बड़ौली ने कहा कि क्या राहुल गाँधी जेल से सरकार चलाना चाहते हैं? क्या राहुल गाँधी भ्रष्टाचारियों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं?
विपक्ष को घेरते हुए श्री बड़ौली ने कहा कि हम विपक्ष से पूछना चाहते हैं कि क्या वे अभी भी उन परंपराओं का समर्थन करते हैं, जहां भ्रष्टाचार और अपराध से घिरे नेता जनता की गर्दन पर बैठकर राज करते हैं? उन्होंने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री ने भी अपने आप को इस विधेयक से अलग नहीं रखा है। उन्होंने स्वयं को भी क़ानून के दायरे में रखा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इंदिरा गाँधी जो क़ानून लेकर आई थी, उसमें प्रधानमंत्री पर केस नहीं चल सकता था, लेकिन नए क़ानून में प्रधानमंत्री पद और केंद्रीय मंत्रिमंडल को भी सजा के दायरे में लाया गया है। राज्यों के मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी क़ानून के दायरे में लाया गया है।
श्री बड़ौली ने कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में कई बार देखने को मिला है कि गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे नेता जेल के भीतर से भी सत्ता पर काबिज रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मार्च 2024 में शराब नीति घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वे छह महीने से अधिक समय तक जेल में रहे और जेल से ही सरकार चलाते रहे। दिल्ली में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय तक जेल में रहे, लेकिन इस्तीफा नहीं दिया। इससे सरकार और लोकतंत्र दोनों की साख पर गहरा आघात हुआ।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली ने कहा कि चारा घोटाले में जेल जाने के बाद भी लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पद छोड़ा नहीं, बल्कि “ 135 दिनों तक जेल से सरकार“ चलाने का शर्मनाक उदाहरण पेश किया था। यही नहीं, उनके परिवार ने सत्ता को अपनी व्यक्तिगत जागीर समझ कर लोकतंत्र की गरिमा को धूमिल किया था। उन्होंने कहा कि ए. राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में लगे गंभीर आरोपों के बावजूद कई दिनों तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था। कनिमोझी 2जी घोटाले के मामले में 20 मई 2011 को जेल गई थी। इसके बावजूद, उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया और पद पर बनी रहीं।
मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि यह बिल केवल मोदी सरकार की नीति नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की सोच के अनुरूप भी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को पद से हटने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने साफ कहा था कि गंभीर अपराधों के आरोप में गिरफ्तार मंत्री अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।
विपक्ष को निशाने पर लेते हुए बड़ौली ने कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने भी बार-बार ऐसे नेताओं को बचाने का प्रयास किया जिन पर हत्या, भ्रष्टाचार, दंगे भड़काने या अन्य गंभीर आपराधिक मामलों में आरोप लगे थे। यह कानून तो पहले ही देश में लागू हो जाना चाहिए था मगर विपक्षी दलों का मकसद ही अपराधियों को संरक्षण प्रदान करके उन्हें राजनीति में लाना और वोटबैंक को मजबूती प्रदान करना था।
मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि आज का भारत “ईमानदारी बनाम बेईमानी“ की लड़ाई लड़ रहा है। भाजपा साफ संदेश देना चाहती है कि जनता का विश्वास सर्वोपरि है। अब वह दौर खत्म हो गया जब जेल की कोठरी से मुख्यमंत्री और मंत्री सत्ता की डोर थामे रहते थे। उन्होंने कहा कि भाजपा मानती है कि देश को विकास, सुशासन और ईमानदारी की राजनीति चाहिए, न कि अपराधियों की इसलिए यह विधेयक लोकतंत्र को नई ऊंचाई देने वाला है। श्री बड़ौली ने कहा कि “अब जेल से सरकार नहीं चलेगी“ यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि मोदी सरकार की ईमानदारी की प्रतिबद्धता है। यह लोकतंत्र की आत्मा को सशक्त करने का प्रयास है। भाजपा जनता को भरोसा दिलाती है कि आने वाले समय में राजनीति से अपराध और भ्रष्टाचार को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा।