गुरुग्राम, 21 अगस्त 2025। गुरुग्राम जैसे बड़े शहर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। 700 से अधिक प्राइवेट प्ले-स्कूल बिना किसी वैधानिक पंजीकरण और सुरक्षा मानकों के वर्षों से संचालित हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने लंबे समय तक जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारी क्यों चुप रहे?

महिला एवं बाल विकास विभाग की जांच में खामियां सामने आने के बाद इन स्कूलों को नोटिस जारी किए गए। दो बार नोटिस भेजने के बावजूद अधिकांश स्कूलों ने न तो पंजीकरण कराया और न ही सुरक्षा मानकों को लागू किया। अब विभाग ने जिला उपायुक्त से इन स्कूलों को बंद कराने की सिफारिश करने की तैयारी की है।

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के अनुसार, बच्चों की सुरक्षा के लिहाज़ से ये प्ले-स्कूल गंभीर खतरा बने हुए हैं। यहां फायर सेफ्टी, CCTV, प्रशिक्षित स्टाफ और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाओं का भारी अभाव है।

सवालों के घेरे में प्रशासन

  • इतने बड़े पैमाने पर अवैध रूप से चल रहे 700 से ज्यादा प्ले-स्कूलों को लेकर प्रशासन अब तक क्यों खामोश रहा?
  • अगर विभाग की जांच न होती तो क्या बच्चों की सुरक्षा इसी तरह खतरे में रहती?
  • नोटिस भेजने के बाद भी कार्रवाई न करना क्या अधिकारियों की लापरवाही नहीं है?

माता-पिता में बढ़ी चिंता

इस खुलासे के बाद अभिभावकों में गहरी चिंता है। उनका कहना है कि जब वे अपने छोटे बच्चों को प्ले-स्कूल भेजते हैं तो उन्हें यह भरोसा होना चाहिए कि बच्चे सुरक्षित हैं। लेकिन प्रशासन की लापरवाही और स्कूल संचालकों की मनमानी बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती है।

Share via
Copy link