साइबर जालसाजों से भी सावधान रहने का किया आग्रह

चंडीगढ़, 20 जून – हरियाणा पुलिस द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं को देखते हुए पिछले एक महीने के दौरान 12 मई से 15 जून, 2020 के बीच फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए 392 मोबाइल सिम कार्डों को बंद करवाया गया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) श्री नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां बताया कि साइबर क्राइम युनिट ने इस अवधि के दौरान गहन जाँच के बाद सेलुलर सेवा प्रदाताओं द्वारा नकली और जाली दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए कुल 685 मोबाइल सिम की पहचान कर भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से संपर्क कर जांच के बाद 392 मोबाइल नंबरों को बंद करवाया गया।

उन्होंने कहा कि इंटरनेट के दौर में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं और भोले-भाले लोगों को आनलाईन ठगी कर साइबर जालसाजों द्वारा धोखा दिया जा रहा है। ऐसे सभी धोखेबाज अक्सर गिरफ्तारी से बचने के लिए फर्जी आईडी प्रूफ पर सिम कार्ड प्राप्त करके अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। ऐसे मोबाईल नंबरों को बंद करवाना जरूरी होता है ताकि साइबर अपराधी अन्य लोगों के साथ ठगी न कर सकें।

साइबर ठगी से बचने के कुछ एहतियाती उपायों पर प्रकाश डालते हुए श्री विर्क ने कहा कि साइबर अपराधी लगातार दूसरों से ठगी कर पैसा बनाने के नए तौर-तरीकों की खोज कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सलाह दी जाती है कि नागरिक ना तो अपने बैंक खाते, सीवीवी कोड, ओटीपी जैसी किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करें और ना ही व्हाट्सएप या ईमेल पर संदिग्ध लिंक का जवाब दें क्योंकि ऐसा करने से साइबर अपराधी बैंक खातों से धन निकाल सकते हैं।

पुलिस द्वारा समय-समय पर लगातार नागरिकों को फोन कॉल, ईमेल और सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त होने वाले अवांछित और काल्पनिक प्रस्तावों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। साथ ही, मोबाइल सेवा प्रदाताओं को सिम कार्ड लेने वालों के दस्तावेजों को ठीक से सत्यापित करने के लिए भी कहा गया है।

नागरिकों को साइबर जालसाज़ों के बहकावे में नहीं आने के लिए सावधान करते हुए श्री विर्क ने कहा कि इस प्रकार की ठगी की शिकायत ई-मेल के माध्यम से cybercrime.gov.in अथवा संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय या पुलिस थाने में दर्ज की जा सकती है।

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