
14 अगस्त 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर हरियाणा के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देते हुए आग्रह किया कि वे इस अवसर पर लोकतंत्र, संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता व मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की शपथ ले।
विद्रोही ने कहा कि विगत 6 वर्षो से मोदी-भाजपा सरकार जिस तरह सुनियोजित तरीके से लोकतांत्रिक परम्पराओं व मर्यादाओं का हनन करके सत्ता का दुरूपयोग से गैरसंवैद्यानिक कार्य कर रही है, उसके चलते देश के सामने फसीजम का खतरा मुंह बाये खडा है। आज भारत की हालत तीसवे व चालीसवें दशक की जर्मनी जैसी है। जब हिटलर व गोएबल्स की जोडी ने लोकतंत्र के नाम पर जर्मनी को फासीजम की गिरफ्त में ले लिया था।
विद्रोही ने कहा कि जर्मनी में नस्लवाद के नाम पर लोगों को भडक़ाया तो भारत में आज ही सरकार की साम्प्रदायिक धु्रवीकरण की राजनीति से फासीजम का खतरा सामने खडा है। संवैद्यानिक संस्थाओं पर सुनियोजित ढंग से संघी विचारधारा के लोगों का कब्जा करवाके अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता, नागरिक स्वतत्रंता व अधिकारों पर धीरे-धीरे डाका डाला जा रहा है। लोकतंत्र को धनतंत्र में बदलकर दलबदल द्वारा जनादेश को बेमानी बनाया जा रहा है।
विद्रोही ने कहा कि जिस तरह विपक्ष की आवाज को बुल्डोज करके, सांसदों को खरीदकर, बिना व्यापक बहस के कानून बनाये जा रहे है, वे बड़ी चिंता का विषय है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को जांच एजेंसियों के दुरूपयोग से डराकर या खरीदकर भाजपा में शामिल करके चुनी हुई विपक्षी दलों की सरकारों को षडयंत्रों से गिराया जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नही है।
ऐसी स्थिति में विद्रोही ने नागरिकों से कहा कि वे स्वतत्रंता दिवस के अवसर पर आज की राजनीतिक परिस्थितियों पर आत्ममंथन करे व देश में लोकतंत्र, संविधान, अभियव्यक्ति व मीडिया की स्वतत्रंता के लिए गांधीवादी तरीके से संघर्ष व लडने के लिए अपने को मानसिक रूप से तैयार करे।