“पहलगाम में आतंकी हमला: राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय”
प्रश्न पूछने के अवसर भी आएँगे, अभी राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है। राष्ट्र सर्वोपरि। हाल की पहलगाम घटना में एक हिंदू पर्यटक को आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान…
UPSC टॉपर या जाति टॉपर? …………… प्रतिभा गुम, जाति और पृष्ठभूमि का बाज़ार गर्म
देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा अब जातीय गौरव का तमाशा बन चुकी है। जैसे ही रिज़ल्ट आता है, प्रतिभा और मेहनत को धकिया कर जाति, धर्म और ‘किसान की झोपड़ी’…
“पशु सेवा, जनसेवा से कम नहीं” …….. विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर एक विमर्श”
विश्व पशु चिकित्सा दिवस हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पशु चिकित्सकों की भूमिका को सम्मान देना और पशु स्वास्थ्य, मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण…
आधी सच्चाई का लाइव तमाशा: रिश्तों की मौत का नया मंच
आजकल लोग निजी झगड़ों और रिश्तों की परेशानियों को सोशल मीडिया पर लाइव आकर सार्वजनिक करने लगे हैं, जहां आधी-अधूरी सच्चाई दिखाकर सहानुभूति बटोरी जाती है। ‘सुट्टा आली’ और ‘मुक्का…
भीमराव अंबेडकर और आज: विचारों का आईना या प्रतीकों का प्रदर्शन?
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत को एक समतामूलक, न्यायप्रिय और जातिविहीन समाज का सपना दिखाया था। उन्होंने संविधान बनाया, शिक्षा और सामाजिक न्याय को हथियार बनाया, और जाति व्यवस्था का…
सत्ता, शहादत और सवाल: जलियांवाला बाग की आज की प्रासंगिकता
जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) केवल ब्रिटिश अत्याचार का प्रतीक नहीं, बल्कि आज के भारत में सत्ता और लोकतंत्र के बीच जटिल रिश्ते का प्रतिबिंब भी है। जनरल डायर द्वारा किए…
प्राइवेट सिस्टम का खेल: आम आदमी की जेब पर हमला
भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं। प्राइवेट स्कूल सुविधाओं की आड़ में अभिभावकों से मनमाने शुल्क वसूलते…
आज के दौर में भगवान महावीर के विचारों की प्रासंगिकता — एक नैतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण की पुकार …..
आज के भौतिकवादी और असहिष्णु समय में भगवान महावीर के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य जैसे सिद्धांतों के माध्यम से आत्म-शुद्धि…
हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने डॉ सत्यवान सौरभ की पुस्तक ‘खेती किसानी और पशुपालन’ की लोकार्पित
कृषि एवम पशुपालन मंत्री लोकार्पण के दौरान कहा कि उम्मीद की जाती है कि कृषि और पशुपालन उद्यमियों को इस पुस्तक की सामग्री में निहित जानकारी उपयोगी लगेगी और वे…