अमृत महोत्सव के जश्न में, कहाँ खड़े हैं आज हम ?
विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है.…
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विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है.…
हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, सरकारी कुव्यवस्था, आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आमजनों का असली मुद्दो से ध्यान हटाकर उसे भावनात्मक मुद्दों के…
एक सांसद क्या कर रहा है, इसकी उचित जांच और ऑडिट की आवश्यकता है और उसके आधार पर कुछ नियमों को बनाने की आवश्यकता है, सत्ताधारी दलों ने कभी ऐसे…
-प्रियंका ‘सौरभ’ एक स्वतंत्र प्रेस हमारे लोकतांत्रिक समाजों में एक आवश्यक भूमिका निभाता है जैसे -सरकारों को जवाबदेह ठहराना, भ्रष्टाचार, अन्याय और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करना, समाजों को…
सत्ता दुरूपयोग से भाजपा-संघी सरकारेे धार्मिक जलूसों को राजनीति का औजार बनाकर समाज में जहर घोल रहे है : विद्रोही 21 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष…
डॉ मीरा सिंह अम्बेडकर विचारधारा केवल दलित कल्याण या संविधान निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक विचारधारा है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर अधिकांश विपरीत परिस्थितियों में एक…
संविधान की रचना अधिकारों की रक्षा और व्यवस्था संचालन के लिए लोकतंत्र का मतलब स्वच्छंदता नहीं, अनुशासन भी सभी के लिये जरूरी संविधान और परमात्मा का विधान हमारे ही भले…
आजादी अमृत महोत्सव के नाम पर एक स्वतंत्रता सेनानी को दूसरे से छोटा व बडा दिखाकर एक-दूसरे के विरोध में खडा करके ऐसा महापाप किया जा रहा है : विद्रोही…
ऋषि प्रकाश कौशिक लोकतंत्र का अर्थ पाँच साल में एक बार वोट डालना नहीं है; लोकतंत्र का अर्थ यह भी नहीं है कि मतदान सम्पन्न होने के बाद मतदाता की…
-कमलेश भारतीय राजनीति अब शो बन गयी है और चैनलों पर न्यूज भी एक शो से कम नहीं । विचार और विचारधारा सब गायब होते जा रहे हैं । जब…