Tag: लोकतंत्र

सरकार की नीयत में खोट, 26 जनवरी को होगा दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च : राकेश टिकैत

कितलाना टोल पर समाज में फैली कुरीतियों को लेकर हुई सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत, नहीं पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक चरखी दादरी जयवीर फोगाट 02 जनवरी – संयुक्त किसान मोर्चा…

धन्य है भारत देश के सत्ताधारी सरकारों के राजनैतिक दल —- यतीश शर्मा

पंचकुला — दुनिया मे कोविड 19 के वायरस को लेकर पिछले 2 सालों से पूरी आवाम त्राहि त्राहि कर रही है । हर देश की सरकार अपनी आवाम को बचाने…

परिवारवाद से बड़ा संकट सत्ता का अहंकार है साहब

-कमलेश भारतीय संविधान दिवस पर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है कि यदि कश्मीर से कन्याकुमारी तक आज के राजनैतिक दलों को देखा जाये तो भारत एक ऐसे…

सबसे ताकतवर लोकतंत्र और सबसे कमज़ोर आतंकवाद

–कमलेश भारतीय दुनिया में भारत सबसे ताकतवर लोकतंत्र देश है । बहुत गहरी हैं यहां लोकतंत्र की जड़ें । सदियों से संघर्ष किया और लोकतंत्र को फिर से बहाल किया…

शहीदों की शहादत को नमन करवाता स्वतंत्रता दिवस — यतीश शर्मा

चंडीगढ़– समझ नही आ रहा कि जिन अंग्रेजो ने छलकपट कर सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत देश को 100 साल तक गुलाम बनाये रखा । और उस गुलामी…

अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा

देश में चुनाव करा सकते हैं लेकिन छात्रों की चरणबद्ध परीक्षा के लिए सुरक्षित इंतजाम नहीं।मोदी के सातसाल, झटके पे झटका और विकट अट्टहास। अशोक कुमार कौशिक आप फिर कहेंगे…

मज़दूर आज भी मजबूर है …….. मई, मजदूर और मोदी ।

यह नारा लगाना छोड़ दीजिए कि मोदी है तो मुमकिन है । अशोक कुमार कौशिक लोकतंत्र यह कह कर आया था कि यह जनता का , जनता द्वारा और जनता…

बर्खास्त पीटीआई को तिल-तिल कर मरने को मजबूर कर रही है सरकार: सतीश

भिवानी/मुकेश वत्स अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर बर्खास्त पीटीआई का धरना लगातार 320 दिनों से जारी हैं। इसी के तहत आज शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता करते हुए…

सच भी बदलता रहता है क्योंकि राजा ही समय को बनाता है।

सवाल करिए, और याद रखिये चौकीदार ही चोर है।सरकार के खिलाफ बोलने पर आप देशद्रोही हो जाते है। आप लोकतंत्र में है, दो तरफ संवाद होता है यहां।नेताओं ने मास्क…

देखा है पहली बार, लुका-छिपी खेलती सरकार !

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। आज बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। हर तरफ जयंती के ही चर्चे थे। किसान कामगार भी जयंती मना रहे थे और…