दिल्ली देश धर्म विचार हिसार जाति की जंजीरें: आज़ादी के बाद भी मानसिक गुलामी ! आस्था पेशाब तक पिला देती है, जाति पानी तक नहीं पीने देती। 10/04/2025 bharatsarathiadmin कैसे लोग अंधभक्ति में बाबा की पेशाब को “प्रसाद” मानकर पी सकते हैं, लेकिन जाति के नाम पर दलित व्यक्ति के छूने मात्र से पानी अपवित्र मान लिया जाता है।…